भोपाल: मध्य प्रदेश में कैदियों की जीवन शैली में सुधार कर उन्हें अच्छा इंसान बनने वाला कानून तारीखों के फेर में फिर से अटक गया है। अगस्त अथवा सितंबर 24 से इसे लागू होना था, लेकिन अफसरशाही के ढीले रवैए के चलते यह कानून अब तक लागू नहीं हो पाया है। आखिरी डेड लाइन जनवरी 2025 भी निकल गई है।
मप्र की जेलों में बंद कैदियों को अच्छा इंसान बनाने वाला नया जेल कानून 1 जनवरी 2025 से लागू नहीं हो पाया है। राज्य सरकार अब इसे आगामी तिथियों में लागू करेगी। इस कानून का नाम मप्र सुधारात्मक सेवायें एवं बंदीगृह अधिनियम 2024 है।
दरअसल इसका विधेयक 4 जुलाई 2024 को विधानसभा में प्रस्तुत किया गया था जिसे अगले दिन 5 जुलाई को पारित किया गया था। 6 अगस्त 2024 को राज्यपाल ने इसे मंजूरी प्रदान की थी। 13 अगस्त 2024 को जेल विभाग ने अधिसूचना जारी कर इसे 2 अक्टूबर 2024 से लागू करने की घोषणा की।
लेकिन तैयारियां सम्पन्न न होने से 30 सितम्बर 2024 को पुन: अधिसूचना जारी कर इसे 1 जनवरी 2025 से लागू करने की घोषणा की गई। लेकिन तकनीकी कारणों से इसकी तैयारियां अभी भी पूर्ण नहीं हो पाई हैं, इसलिये अब इसे आगामी ऐसी तिथि से जो राज्य सरकार तय करेगी, इसे लागू करने की अधिसूचना जारी की गई है।
क्या है नया जेल सुधार कानून :
इस कानून में कहा गया है कि जेल में बंद कैदी बढ़ी हुई सकारात्मकता, अच्छे मनोभाव तथा विशिष्ट कौशल के साथ जेल से बाहर आयें जिससे कैदी अच्छे इंसान के रुप में बंदी गृह छोड़ सकें और देश के अधिक उत्तरदायी नागरिक बने। इस नये कानून के लागू होने पर सौ साल पुराने बंदी गृह अधिनियम 1864, बंदी अधिनियम 1900, बंदी अंतरण अधिनियम 1950 निरस्त हो जायेंगे।