Maha Kumbh 2025: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संसद में महाकुंभ, बजट, बिहार, दिवाली और ईद को लेकर सरकार पर हमला बोला। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से कई सवाल पूछे।
सपा प्रमुख ने कहा, 'उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने संवेदना तक व्यक्त नहीं की। जहां देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया, वहीं राज्य सरकार ने 17 घंटे बाद इसे स्वीकार किया। ये वे लोग हैं जो आज भी सत्य को स्वीकार नहीं कर सकते।
सपा नेता ने कहा कि वह मांग करते हैं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर स्पष्टता के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन एवं खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को सौंपी जाए। महाकुंभ घटना में मरने वालों की संख्या, घायलों के उपचार, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी और परिवहन की उपलब्धता का ब्यौरा संसद में प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और सच्चाई छिपाने वालों को दंडित किया जाना चाहिए। हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई गलती नहीं थी, तो डेटा को क्यों दबाया गया, छिपाया गया और मिटाया गया ?
अखिलेश ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि महाकुंभ में भगदड़ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और सच छिपाने वालों को सजा मिलनी चाहिए। हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि आंकड़े क्यों छिपाए गए। जहां व्यवस्था होनी चाहिए थी, वहां दुष्प्रचार चल रहा था।
अखिलेश यादव ने लोकसभा में कई बड़ी बातें कहीं। उन्होंने कहा डिजिटल कुंभ के आयोजक मरने वालों का आंकड़ा नहीं दे सकते। महाकुंभ त्रासदी के आंकड़े क्यों दबाये गये, मिटाये गये और छिपाये गये? महाकुंभ में टूटी सनातन परंपरा, मनमाने समय पर किया गया अखाड़ों का स्नान। लोग पुण्य कमाने आए लेकिन अपने साथ अपने प्रियजनों के शव भी ले गए। प्रधानमंत्री के बयान के बाद शोक व्यक्त किया गया। वहां लाशें पड़ी थीं, हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए जा रहे थे। चीन हमारी जमीन और बाजार भी छीन रहा है। कांग्रेस और हममें कोई अंतर नहीं है। मृतकों की संख्या के आंकड़े उपलब्ध नहीं कराये जा सके।
अखिलेश ने कहा कि इतनी बड़ी त्रासदी के बाद अब उन होर्डिंग्स को हटा दिया जाना चाहिए। यह पहली बार नहीं है कि कुंभ का आयोजन हो रहा है। यह सदियों से व्यवस्थित किया गया है। समय-समय पर जो भी सरकारें सत्ता में रहीं, उन्होंने महाकुंभ का आयोजन किया है। महाकुंभ 144 वर्षों के बाद आयोजित होने जा रहा है और इसका इतना अच्छा प्रचार-प्रसार किया गया है कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आगमन की व्यवस्था की है। ये बातें चैनलों के माध्यम से सुनी गईं।
अखिलेश यादव ने बजट सत्र के दौरान लोकसभा में गंगा एक्सप्रेसवे का जिक्र करते हुए बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है, जिसके बारे में सरकार ने कहा है कि कुंभ से पहले इसका निर्माण शुरू हो जाएगा। मुझे लगता है कि जिस गति से काम चल रहा है, यह अर्धकुंभ तक ही पूरा हो पाएगा। बजट पर अखिलेश ने कहा कि बिहार के लिए कोई समस्या नहीं है। लेकिन कृपया मुझे बताएं कि क्या यूपी में एक भी एक्सप्रेसवे दिया गया है, वह भी तब जब यूपीए ने पीएम को तीन बार मौका दिया।
अखिलेश ने कहा, 'जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने संवेदना व्यक्त की तो राज्य सरकार ने 17 घंटे बाद इसे स्वीकार किया।' ये वे लोग हैं जो आज भी सत्य को स्वीकार नहीं कर सकते। अपने भाषण के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि कई टीवी चैनलों और विज्ञापनों में दिखाया गया कि महाकुंभ में 100 करोड़ लोगों के आने की व्यवस्था की गई है। अगर मैं झूठ बोलूंगा या मेरे दावे झूठे साबित होंगे तो मैं लोकसभा से इस्तीफा दे दूंगा।