भोपाल: गत 19 दिसम्बर को मप्र में पारित मप्र जन विश्वास उपबंधों का संशोधन विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है जिससे इसने एक कानून का रुप ले लिया है। इस कानून में आठ विभिन्न अधिनियमों में कारावास एवं जुर्माना के प्रावधान को खत्म किया गया है तथा उसके स्थान पर शास्ति यानि समझौता शुल्क वसूलने करा प्रावधान किया गया है। इन आठों अधिनियमों में किये गय बदलाव को अलग-अल्र तिथियों से लागू किया जायेगा।
नये कानून के उद्देश्य में बताया गया है कि सरकार का उद्देश्य विश्वास आधारित शासन को बढ़ावा देना, अनुपालन के भार को कम करना तथा राज्य के अधिनियमों में अपराधों के अपराधमुक्तकरण और तर्कसंगतिकरण के लिये विभिन्न उपबंधों में संशोधन करते हुये ईज ऑफ डूईंग बिजनेस यानि सहज व्यवसाय को बढ़ाना है। इस संर्दर्भ में, गौण अपराधों को अपराधमुक्त करने एवं दंड राशि को युक्तिसंगत बनाने के लिये आठ अधिनियमों के प्रावधानों में इस कानून के जरिये संशोधन किया गया है।
ये आठ कानून हैं :
नगर पालिका निगम एक्ट 1956, नगर पालिका एक्ट 1961, टीएनसीपी एक्ट 1973, विद्युत शुल्क एक्ट 2012, सहकारी सोसायटी एक्ट 1960, असंगठित कर्मकार कल्याण एक्ट 2003, औद्योगिक संबंध एक्ट 1960 तथा वर्ष 1973 में बना सोसायटी रजिस्ट्रीकरण एक्ट।