वन विभाग के ई-आक्शन प्रणाली में राजस्व विभाग भी पेड़ों की कटाई की अनुमति जारी करेगा


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स्टोरी हाइलाइट्स

वन विभाग द्वारा वनोपज की ऑनलाइन नीलामी तथा ऑनलाइन एनओसी एवं टीपी हेतु तैयार की जा रही ई-आक्शन प्रणाली में राजस्व विभाग भी जुड़ेगा जो राजस्व भूमि पर काटे जाने वाले पेड़ों की ऑनलाईन ही अनुमति जारी करेगा..!!

भोपाल: राज्य के वन विभाग द्वारा वनोपज की ऑनलाइन नीलामी तथा ऑनलाइन एनओसी एवं टीपी हेतु तैयार की जा रही ई-आक्शन प्रणाली में राजस्व विभाग भी जुड़ेगा जो राजस्व भूमि पर काटे जाने वाले पेड़ों की ऑनलाईन ही अनुमति जारी करेगा। यह निर्णय अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णमाल की अध्यक्षता आयोजित एक समीक्षा बैठक में लिया गया है।

बैठक में राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा उपरांत बताया गया कि आवेदक द्वारा रेवेन्यु केस मेनेजमेंट सिस्टम यानि आरसीएमएस पोर्टल में पेड़ों की कटाई हेतु ऑनलाइन आवेदन दिया जाएगा, आरसीएमएस सिस्टम द्वारा आवेदक की जाति की श्रेणी के आधार पर पंचायत स्तर (पंचायत दर्पण एप) या कलेक्टर स्तर पर भेजा जाएगा तथा आवश्यक कार्यवाही उपरांत आरसीएमएस सिस्टम से कटाई का अनुमति पत्र प्राप्त होगा। उक्त प्रक्रिया का डिजिटली एकीकरण किया जायेगा।

बैठक में यह भी बताया कि ट्रेंड एनालिसिस हेतु वन विभाग द्वारा वनमंडल एवं डिपो स्तर से गूगल शीट में लॉट्स का डाटा लिया आ रहा है। अब तक 2 लाख से अधिक लॉट्स का डाटा स्टेट इलेक्ट्रानिक विकास निगम यानि एमपीएसईडीसी की पावर बीआई टीम को प्रदान किया जा चुका है तथा पावर बीआई टीम द्वारा प्राप्स डाटा पर ट्रेंड एनालिसिस विश्लेषण प्रस्तुत किया जाएगा। 

वन विभाग द्वारा बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि डिंडोरी वनमंडल में गाडासरई काष्ठागार की ऑनलाईलन नीलामी सिस्टम द्वारा एक विक्रित लॉट की 10 प्रतिशत ईएमडी राशि (लगभग 2 लाख 22 हजार रुपये) नहीं काटी गई है। इस तरह की सिस्टमिक अनियमितताएं पूर्व में भी 2-3 बार देखी गई हैं। 

एमपीएसईडीसी द्वारा बताया गया कि यह ऑनलाइन पोर्टल एवं क्रेता ई-वॉलेट मिस मैच के कारण हुआ है। इस संबंध में विभाग द्वारा आईसीआईसीआई बैंक को अपने भुगतान संबंधित सिस्टम सॉफ्टवेयर को शीघ्र अतिशीघ्र दुरुस्त करने हेतु निर्देशित किया गया अन्यथा किसी भी प्रकार की राजस्व संबंधित अनियमितता के लिए बैंक की जिम्मेदारी होगी। बैठक में एमपीएसईडीसी द्वारा सूचित किया गया कि स्टेट डाटा सेंटर का आईएसएमएस सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया प्रचलन में है तथा सर्टिफिकेशन फ़रवरी के अंत तक प्राप्त होगा।