भोपाल: राज्य के पांच सरकारी विश्वविद्यालय, जो अलग-अलग स्वयं के अधिनियमों से संचालित हो रहे हैं, में अब कुलपति को कुलगुरु कहा जायेगा। इसी प्रकार, इन पांचों विवि में प्रो-वाइस चांसलर को प्रति कुलगुरु कहा जायेगा। यह प्रावधान लागू हो गया है।
दरअसल यह बदलाव करने के लिये विधानसभा के पिछले शीतकालीन सत्र में 17 दिसम्बर 2024 को मप्र विश्वविद्यालय विधि संशोधन विधेयक पारित किया गया था जिसे अब राज्यपाल मंगु भाई पटेल ने स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिससे यह नया प्रावधान नये कानून के रुप में लागू हो गया है।
दिलचस्प बात यह है कि उक्त अलग-अलग अधिनियमों के अंग्रेजी संस्करण में कुलपति शब्द का उल्लेख था जिसे संशोधन के बाद वाइस चांसलर शब्द किया गया है। यानि अंग्रेजी में विवि प्रमुख वाइस चांसलर ही कहलायेंगे जबकि हिन्दी में कुलगुरु।
ये हैं पांच सरकारी विवि :
डॉ. बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विवि, मप्र भोज ओपन यूनिवर्सिटी, अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विवि, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विवि एवं महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विवि। ज्ञातव्य है कि निजी एवं अन्य सरकारी विश्वविद्यालयों में कुलगुरु कहे जाने का पूर्व में ही प्रावधान कर दिया गया है।