कृषि उपज मंडियों में किसानों से उधार में खरीदी नहीं होगी


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स्टोरी हाइलाइट्स

निर्देश में बताया गया है कि कृषकों को मंडी में उनकी उपज का मूल्य पूर्ण एवं त्वरित भुगतान होना चाहिये और इसीलिये मंडी समितियां बनाई गई हैं..!!

भोपाल: राज्य की 259 कृषि उपज मंडियों एवं 298 उप मंडियों में लायसेंसधारी व्यापारी किसानों से उधार में उनकी उपज नहीं खरीद सकेंगे। यदि ऐसा किया जाता है तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। इसके लिये राज्य मंडी बोर्ड ने सभी सभी मंडी सचिवों को नये निर्देश जारी किये हैं।

निर्देश में बताया गया है कि कृषकों को मंडी में उनकी उपज का मूल्य पूर्ण एवं त्वरित भुगतान होना चाहिये और इसीलिये मंडी समितियां बनाई गई हैं। इसके बावजूद स्थानीय व्यवस्था/परम्परा/कुरीति अनुसार, व्यापारीगण, किसानों को बाद में ज्यादा राशि का भुगतान करने का लालच देकर उधार में उनकी उपज क्रय कर लेता है और भुगतान पत्रक पर हस्ताक्षर भी करा लेता है। 

इसलिये किसानों को जागरुक किया जाये कि किसी भी क्रेता व्यापारी को उधार में अपनी कृषि उपज का विक्रय नहीं करें, यदि कोई व्यापारी उधार में विक्रय हेतु विवश करता है तो तत्काल मंडी समिति के कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई जाये। किसान भी भुगतान पत्रक में हस्ताक्षर तभी करें जबकि उन्हें वास्तविक रुप से भुगतान हो जाये। 

मंडी समिति ऐसे व्यापारियों पर विशेष निगरानी रखें जिनके विरुध्द भुगतान संबंध शिकायतें प्र्राप्त हुई है। राज्य मंडी बोर्ड के आंचलिक अधिकारी भी ऐसे मामलों की रोकथाम हेतु कार्यवाही करें। निर्देश में कहा गया है कि कृषक भुगतान में गड़बड़ी होने पर मंडी सचिव के साथ आंचलिक अधिकारी पर भी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।