धार। मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक शहर मांडू की खुरासनी इमली अब आंध्रप्रदेश के हैदराबाद में भी लगाई जाएगी। मांडू से इसका भारी-भरकम पेड़ काटकर हैदराबाद ले जाया गया है। इमली के इस पेड़ को वहां के प्राइवेट बाटनिकल गार्डन में लगाया जाएगा। वहां इसकी नई प्रजातियां भी विकसित की जाएंगी। इस पेड़ की उम्र भी हजारों साल होती है। इमली का यह पेड़ इतना बड़ा होता है कि इसे लोग बाहुबली पेड़ भी कहते हैं।
इमली के इस भारी भरकम पेड़ को लेकर जाने के लिए एक स्पेशल टीम ट्रॉला लेकर मांडव पहुंची और यहां से तीस टन वजनी पेड़ को लेकर हैदराबाद के लिए निकली. बताते हैं कि यह ट्रॉला खरगोन से करीब 35 किमी दूर भुसावल-चित्तौडगढ़ मार्ग के झगड़ी घाट पर खराब हो गया है। सुधार कार्य होने के बाद ही यह आगे बढ़ेगा। ट्रॉला चालक राजू व उसके साथियों ने बताया धार जिले के मांडव से वे लोग इमली का यह 30 टन वजनी पेड़ लेकर निकले थे। छह दिन में वे खरगोन-बिस्टान होते हुए घाट पर पहुंचे पर यहां आकर ट्रॉला खराब हो गया। चार दिनों से वे इसे सुधार रहे हैं। चालक राजू ने बताया मांडव की स्पेशल इमली का यह पेड़ हैदराबाद के पार्क में लगाया जाएगा। चालक ने बताया उस पार्क में कई फिल्मों की शूटिंग होती है। वीडियो व फोटो शूट करने के लिए इसका ट्रांसप्लांट भी होगा। झगड़ी घाट से हैदराबाद तक जाने में उनके मुताबिक करीब 15 दिन लगेंगे।
पिछले दिनों धार में प्राइवेट बॉटनिकल गार्डन बनाने वाले हैदराबाद के रामदेव राव ने बताया था कि वे अपना बिजनेस छोड़ पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं. 62 साल के राव 350 एकड़ में बॉटेनिकल गार्डन बना रहे हैं। इसमें वे करीब 400 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। उनका मानना है कि हर उस बड़े शहर में बॉटनिकल गार्डन जरूरी है, जिस शहर की जनसंख्या 10 लाख के आसपास हो।
गौरतलब है कि निमाड़-मालवा के महेश्वर और मांडव क्षेत्र बॉलीवुड के लिए शुरु से ही आकर्षण का केंद्र रहे हैं। यहां कई हाईप्रोफाइल सेलेब्रिटी आ चुके हैं और यहां बड़े बजट वाली फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। फिल्मी नगरी मुंबई और हैदराबाद की फिल्म सिटी रामोजी से यहां की दौड़ न लगानी पड़े, इसके लिए अब वहां का माहौल ही निमाड़-मालवा जैसा विकसित किया जा रहा है। इसके लिए मांडव की पहचान मांडव के इमली के पेड़ को ही वहां ट्रांसप्लांट किया जा रहा है।