भोपाल: राज्य के वन विभाग के अंतर्गत कार्यरत राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ की सहकारिता आयुक्त से टसल चल रही है। संघ ने पिछले साल 2 मई 2023 को भ्रमण शुल्क, यात्रा भत्ता एवं निरीक्षण भत्ता बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर भेजा था परन्तु सहकारिता आयुक्त ने इसे स्वीकार नहीं किया 25 सितम्बर 2024 को पत्र लिखकर इस प्रस्ताव को अमान्य कर दिया। लेकिन अब संघ ने फिर से इसी प्रस्ताव को संचालक मंडल की बैठक में पारित कर पुन: सहकारिता आयुक्त को भेजा है।
दरअसल वर्तमान में सहकारिता विभाग के प्रमुख अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णमाल ही हैं जिनके पास वन विभाग भी है और वे संघ के प्रशासक भी हैं। ऐसे में सहकारिता आयुक्त को पुन: भेजे गये प्रस्ताव को स्वीकार करना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि संघ का स्वरुप सहकारी संस्था के रुप में है जिसके कारण संघ को सहकारिता आयुक्त से मंजूरी लेनी पड़ती है।
यह भेजा है प्रस्ताव :
राज्य लघु वनोपज संघ ने सहकारिता आयुक्त को पुन: जो प्रस्ताव भेजा है उसमें कहा गया है कि संघ के क्षेत्रीय संचालकों एवं 60 जिला लघु वनोपज सहकारी संघों के अध्यक्षों को तेंदूपत्ता संग्रहण की अवधि में क्षेत्र भ्रमण की पात्रता होगी और इसी प्रकार तेंदूपत्ता की शाखकर्तन के माहों में भी 15 दिन क्षेत्र में भ्रमण की पात्रता होगी।
इसके अलावा, संघ के क्षेत्रीय संचालकों को अपने संभाग के अंतर्गत माह में दस दिन भ्रमण की पात्रता होगी। जिला यूनियन के अध्यक्ष को तेंदूपत्ता संग्रहण एवं शाखकर्तन के माह को छोडक़र अन्य माहों में अपने कार्यक्षेत्र में प्रति माह 7 दिन तक भ्रमण की पात्रता होगी।
उक्त सभी भ्रमण पर यदि स्वयं के निजी वाहन का उपयोग किया जाता है तो 8 रुपये प्रति किलोमीटर राशि देय होगी। इसके अतिरिक्त जिला यूनियन अध्यक्ष को 10 हजार रुपये प्रति वर्ष यात्रा भत्ता अतिरिक्त रुप से देय होगा। 1071 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समिति के अध्यक्ष को 5 हजार रुपये प्रति वर्ष यात्रा भत्ता एवं 500 रुपये वार्षिक निरीक्षण भत्ता देय होगा। दरअसल पूर्व में स्वयं के वाहन से भ्रमण पर 5 रुपये प्रति किमी का भुगतान होता था एवं प्राथमिक समितियों के अध्यक्षों को 3500 रुपये सालाना यात्रा भत्ता मिलता था।