UNION BUDGET 2025: बजट में आपके लिए क्या? समझे एक नजर में..


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स्टोरी हाइलाइट्स

UNION BUDGET 2025: केन्द्रीय बजट में विकास के चार ईंजनों की पहचान की गई है- कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात..!!

UNION BUDGET 2025: केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 01 फरवरी, 2025 को संसद में केन्द्रीय बजट 2025-26 पेश किया। 

बजट एक नजर में..

1 लाख रूपए तक प्रति माह की औसत आय पर कोई आय कर नहीं; इससे मध्यमवर्ग परिवारों की आय व खपत में वृद्धि होगी। वेतनभोगी करदाताओं को नई कर व्यवस्था में 12.75 लाख रुपए तक कोई आयकर नहीं देना होगा। केन्द्रीय बजट में विकास के चार ईंजनों की पहचान की गई है- कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से 1.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे, इनमें 100 निम्न उत्पादन वाले जिलों को शामिल किया जाएगा। अरहर, उड़द व मसूर पर विशेष ध्यान देते हुए “दालों में आत्मनिर्भरता मिशन” शुरू किया जाएगा। संशोधित ब्याज योजना के तहत केसीसी के माध्यम से पांच लाख तक का लोन।

वित्त वर्ष-25 में राजकोषीय घाटा 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान, इसे वित्त वर्ष- 26 में 4.4 प्रतिशत करने का लक्ष्य। एमएसएमई को गारंटी के साथ दिए जाने वाले ऋण को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया गया। मेक इन इंडिया को निरंतरता देने के लिए लघु, मध्यम व वृहद उद्योग को शामिल कर राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन का शुभारंभ। अगले पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50 हजार अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं। 500 करोड़ रूपए के कुल परिव्यय के साथ शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में उत्कृष्ता केन्द्र। 

बैंको से ऋण में वृद्धि सहित पीएम स्वनिधि, 30 हजार रूपए की सीमा के साथ यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड। गिग वर्करों को पहचान पत्र दिया जाएगा, पीएम जन आरोग्य योजना के तहत ई-श्रम पोर्टल और स्वास्थ्य देखभाल में पंजीकरण। विकास केन्द्र के रूप में शहरों को एक लाख करोड़ रूपए का शहरी चुनौती निधि।

20 हजार करोड़ रूपए परिव्यय के साथ लघु मॉड्यूलर रिएक्टरों के आरएंडडी के लिए अणु ऊर्जा मिशन। संशोधित उड़ान योजना से 120 नए गंतव्यों तक क्षेत्रीय संपर्क बढ़ेगा और एक लाख आवासीय ईकाइयों को शीघ्र पूरा करने के लिए 15 हजार करोड़ स्वामिह निधि निजी क्षेत्र द्वारा संचालित शोध विकास व नवाचार पहलों के लिए 20 हजार करोड़ आवंटित। पांडुलिपियों के सर्वेक्षण व संरक्षण के लिए ज्ञान भारत मिशन। बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया गया। 

विभिन्न कानूनों में 100 से ज्यादा प्रावधानों को गैर-अपराधीकरण रूप देते हुए जन विश्वास विधेयक 2.0 लाया जाएगा। संशोधित आयकर रिटर्न की समयसीमा दो से बढ़ाकर चार साल किया गया। टीसीएस भुगतान में देरी अब अपराध नहीं। किराए पर टीडीएस 2.4 लाख रूपए से बढ़ाकर 6 लाख रूपए किया गया।

कैंसर, असाधारण रोगों और अन्य गंभीर जीर्ण रोगों के उपचार के लिए 36 जीवनरक्षक औषधियों को बुनियादी सीमा-शुल्क  (बीसीडी) से छूट। आईएफपीडी पर बीसीडी को बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया गया, ओपन सेल्स पर बीसीडी में 5 प्रतिशत की कमी। घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ ओपन सेल्स पर बीसीडी में छूट।

बैट्री उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विद्युतीय वाहन और मोबाइल बैट्री उत्पादन के लिए अतिरिक्त पूंजीगत वस्तु में छूट। जहाज निर्माण में प्रयोग होने वाले कच्चा सामग्री और घटकों पर 10 साल के  लिए बीसीडी में छूट। फ्रोजन फिश पेस्ट पर बीसीडी को 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया और फिश हाइड्रोलिसेट पर 15 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया।