केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार 10 अप्रेल को उज्जैन और बदनावर के बीच बनी फोर लेन सड़क का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी शामिल हुए। इस फोर लेन वाली सड़क का निर्माण लगभग 1352 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह राज्य तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष भर में मध्य प्रदेश का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क अमेरिका से भी बेहतर हो जाएगा। इस कार्यक्रम में गडकरी ने 328 किलोमीटर लंबी और 5,800 करोड़ रुपये की लागत वाली 10 सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया।
उज्जैन से बदनावर तक फोर लेन सड़क हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर आधारित है। यह सड़क पूरी तरह से भारतीय सुरक्षा मानकों के अनुरूप बनाई गई है, जहां हल्के वाहन 100 किलोमीटर प्रति घंटे और भारी वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकेंगे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य में सड़क सम्पर्क में सुधार से सड़कों का काला अतीत समाप्त हो गया है। बदनावर-उज्जैन फोरलेन सड़क के निर्माण से गुजरात और अन्य राज्यों की यात्रा आसान हो जाएगी। पहले बदनावर से उज्जैन तक का सफर ढाई घंटे में पूरा होता था, अब यह सफर 45 मिनट में पूरा हो जाएगा। यह उपलब्धि भाजपा सरकार की देन है, जो प्रदेश के विकास को नई दिशा दे रही है।
भविष्य में यातायात के दबाव को प्रबंधित करने के लिए इस सड़क की प्रत्येक लेन को 9 मीटर चौड़ा बनाया गया है। इससे भारी वाहनों की आवाजाही भी सुगम होगी तथा अन्य संपर्क सड़कों की गति भी बढ़ेगी। इस चार लेन वाली सड़क का निर्माण 1352 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। भारतमाला परियोजना के तहत निर्मित इस राजमार्ग का मुख्य लोकार्पण कार्यक्रम धार जिले के खेड़ा (बदनावर) गांव में आयोजित किया गया है।
69.1 किलोमीटर लंबी इस चार लेन सड़क से उज्जैन और बदनावर के बीच की दूरी 45 से 50 मिनट तक कम हो जाएगी। इससे क्षेत्रीय परिवहन आसान हो जाएगा और समय की भी बचत होगी। सड़क पर पशुओं की आवाजाही और स्थानीय निवासियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 130 बॉक्स कलवर्ट और 31 अंडरपास का निर्माण किया गया है। इससे मार्ग की सुरक्षा और उपयोगिता दोनों बढ़ गई है।
ग्वालियर के पश्चिमी भाग में 28.516 किलोमीटर लम्बे प्रवेश नियंत्रित चार लेन बायपास के निर्माण के लिए 1347.6 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। भोपाल, सागर और विदिशा जैसे शहरों को भी राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने की अनुमति दे दी गई है। सिंहस्थ 2028 के दौरान इस मार्ग का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा। अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालु इंदौर होते हुए सीधे उज्जैन पहुंच सकेंगे, जिससे यातायात प्रबंधन में सुधार होगा।