संसद में संविधान दिवस पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी से राजनीतिक जगत में हड़कंप मच गया है। अमित शाह ने कहा, अब ये फैशन बन गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर... भगवान के इतने नाम लेते तो सात जन्मों के लिए स्वर्ग चले जाते। शाह के इस बयान को लेकर कांग्रेस और राजद समेत कई दलों ने बयान पर नाराजगी जताई और अमित शाह से माफी की मांग की।
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी सांसदों ने कल संविधान पर बहस के दौरान राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों का आरोप है कि केंद्रीय गृह मंत्री ने कल अपने भाषण में डॉ. बीआर अंबेडकर का अपमान किया।
इस टिप्पणी पर संसद के साथ-साथ मध्य प्रदेश विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। शाह के बयान का असर एमपी विधानसभा में भी देखने को मिला। बाबा साहब को लेकर दिए गए इस बयान को कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुद्दा बना लिया, जिसके बाद सदन में हंगामा मच गया।
विपक्ष के हंगामे को देखते हुए नेता सदन सीएम डॉ. मोहन यादव ने इसे मनमाना बताया। उन्होंने कहा कि हम सदन चलाना चाहते हैं लेकिन विपक्ष की ऐसी मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही वह अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ लॉबी में भी पहुंचे. इस स्थिति को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुनाया और विपक्ष की टिप्पणियों को कार्यवाही से बाहर करते हुए कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
मध्य प्रदेश विधानसभा में अनुपूरक बजट से पहले प्रश्नकाल खत्म होने पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर बहस करने लगे। इस पर सत्ता पक्ष के मंत्रियों और विधायकों ने आपत्ति जताई। जिसके चलते विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नेता प्रतिपक्ष सिंघार द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री की टिप्पणी पर चर्चा कराने को नियमों के खिलाफ बताया और विधानसभा से आदेश देने की मांग की। इसी बीच विपक्षी विधायकों ने लॉबी में आकर जमकर हंगामा और नारेबाजी की।
विपक्ष के हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने चर्चा को आगे बढ़ाया तो मंत्री विश्वास सारंग और मंत्री तुलसी सिलावट ने आपत्ति जताई। संसदीय कार्य मंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से हस्तक्षेप कर व्यवस्था बनाने का अनुरोध किया और बहस को कार्यवाही से अलग करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह संसदीय परंपरा के खिलाफ है। दूसरे सदन में बहस पर और जो व्यक्ति सदन में जवाब देने नहीं आ सकता, उसके नाम पर टिप्पणी करना गलत है। इस बीच विपक्ष ने लॉबी में नारेबाजी की।
आपको बता दें, कि संसद में अमित शाह के 'अंबेडकर' बयान पर कांग्रेस ने हमला बोला है। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे अंबेडकर और दलित समुदाय का अपमान बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बाबा साहब हमारे लिए भगवान जैसे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस हमेशा मनुस्मृति के पक्ष में और बाबा साहब के विरोधी रहे हैं।
अमित शाह की टिप्पणी पर विवाद के बाद गृह मंत्री की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, विपक्षी दल माफी की मांग पर अड़े हुए हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने एक स्वर से अमित शाह के बयान को अपमानजनक बताया और तत्काल माफी की मांग की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह का बचाव किया और विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया। विपक्ष ने गृह मंत्री पर बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की।
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर डॉ. अंबेडकर के प्रति अन्याय करने का आरोप लगाते हुए कहा, “कांग्रेस ने न केवल एक बार, बल्कि दो बार उन्हें चुनाव में हराया। पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार किया गया और संसद के सेंट्रल हॉल में उनके योगदान को मान्यता नहीं दी गई।”
उन्होंने कांग्रेस पर एससी/एसटी समुदायों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाते हुए कहा, “कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, वह इस सच्चाई को छिपा नहीं सकती कि उनके शासन में एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयावह नरसंहार हुए। सत्ता में लंबे समय तक रहने के बावजूद उन्होंने इन समुदायों को सशक्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए।”