विनेश फोगाट को मेडल मिलेगा या नहीं इस पर शुक्रवार 9 अगस्त को फैसला सुनाया जाएगा। विनेश की तरफ से जाने-माने वकील हरीश साल्वे अपना पक्ष रखेंगे। वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) में विनेश फोगाट की तरफ से दलीलें पेश करेंगे।
कहा जा रहा है कि शुक्रवार को फैसला आ सकता है। लेकिन अगर कोर्ट को लगता है कि मामले में आगे सुनवाई की जरूरत है तो वह आगे की तारीख दे सकती है। हालांकि, इस तरह के मामलों में ज्यादातर मामलों में सुनवाई के दिन ही फैसला आ जाता है।
भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ याचिका पर आज सुनवाई होगी। उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) में अपील दायर की, जिसे सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया। जिसमें विनेश ने संयुक्त रजत पदक देने की मांग उठाई है।
दरअसल, विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में महिला रेसलिंग के 50 किलोग्राम वर्ग के फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ बुधवार को सीएएस में अपील की और मांग की कि उन्हें संयुक्त रजत पदक से सम्मानित किया जाए।
आपको बता दें कि ओलंपिक खेलों के दौरान या उद्घाटन समारोह से 10 दिन पहले किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए यहां एक सीएएस विभाग स्थापित किया गया है। सेमीफाइनल में विनेश से हारने वाली क्यूबा की पहलवान युस्नेलिस गुजमैन लोपेज ने फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है।
CAS की सुनवाई पहले गुरुवार के लिए निर्धारित थी। लेकिन भारतीय टीम ने सुनवाई के लिए भारतीय वकील नियुक्त करने के लिए भी समय मांगा। कोर्ट ने इस पर सुनवाई शुक्रवार यानी तक के लिए स्थगित कर दी।
जानकारी के मुताबिक, मामले में भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और किंग्स काउंसिल हरीश साल्वे भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की ओर से सीएएस के सामने पेश होंगे।
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी CAS दुनिया भर के खेलों के लिए बनाई गई एक स्वतंत्र संस्था है। इसका काम खेल से जुड़े कानूनी विवादों का निपटारा करना है। इसकी स्थापना वर्ष 1984 में हुई थी। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लॉज़ेन में स्थित है। इसकी न्यूयॉर्क, सिडनी और लोगान में अदालतें हैं। वैसे, वर्तमान ओलंपिक शहरों में अस्थायी अदालतें भी बनाई गई हैं। इस बार सीरीज में पेरिस में CAS बनाया गया है, जहां विनेश फोगाट मामले की सुनवाई होनी है।
दरअसल, 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती वर्ग के फाइनल मैच से कुछ घंटे पहले विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। आरोप था कि विनेश का वजन करीब 100 ग्राम ज्यादा था। ऐसे में नियमों के चलते वह सेमीफाइनल जीतकर भी गोल्ड मेडल से चूक गईं। हालांकि, विनेश ने फैसले पर आपत्ति जताई और संयुक्त रजत पदक की मांग की। अब मामला CAS में जाने के बाद विनेश फोगाट को मेडल मिलने की उम्मीद जगी है।