भोपाल: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा सीट की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है, यहां से कांग्रेस प्रत्याशी जहां भी जाते हैं उनके चरण स्पर्श करने के लिए मतदाताओं में होड़ लग जाती है। दरअसल, कांग्रेस प्रत्याशी धीरेन शाह इनवाती आंचल कुंड दादा धूनीवाले दरबार के मुख्य पुजारी सुखराम दास बाबा के बेटे हैं, जिनकी इलाके में काफी प्रतिष्ठा है।
चुनाव के दौरान वोट मांगने के लिए जाने पर नेताजी को क्या-क्या जतन नहीं करने पड़ते। नेताजी मतदाताओं को हरसंभव रिझाने की कोशिश करते हैं। वोट के लिए प्रत्याशी अपने मतदाताओं के पैर भी छूते हैं लेकिन अमरवाड़ा के उपचुनाव में एक ऐसे नेताजी हैं, जो गांवों में वोट मांगने पहुंचते हैं। तो जनता उनके पैरों पर झुककर प्रणाम करती है।
दरअसल, दादा धूनीवाले दरबार के छोटे महाराज चुनावी मैदान में हैं। अमरवाड़ा में विधानसभा के उपचुनाव 10 जुलाई है। ऐसे में कांग्रेस के प्रत्याशी धीरेन शाह ऐसे नेता हैं। जब वे गांव में वोट मांगने पहुंचते हैं तो लोग उनके पैर छूने के लिए लाइन लगा लेते हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी के चरण स्पर्श करने लगती है होड़
आंचल कुंड दरबार क्या है इतिहास..
दरअसल, धीरेन शाह इनवाती आंचलकुंड दादा धूनी वाले दरबार के मुख्य पुजारी सुखराम दास बाबा के बेटे हैं, जिनकी छोटे महाराज के नाम से भी पहचान है। इस दरबार की पूरे इलाके में काफी आस्था है। इसी के चलते लोग छोटे महाराज के पैर छूने के लिए लाइन लगा लेते हैं।
बता दें कि करीब 200 साल पहले आंचल कुंड धाम में खंडवा के दादाजी धूनीवाले केशवानंद जी महाराज और हरिहर महाराज ने आकर अपने भक्त कंगाल दास बाबा को दर्शन दिए थे और धूनी रमाई थी। वह धूनी आज भी लगातार जल रही है।
लोगों का मानना है कि इसी धूनी की भभूति से लोगों की बीमारियां, कष्ट और परेशानियां दूर होती हैं। इस भभूति को लेने के लिए लोग हर दिन आंचलकुंड धाम पहुंचते हैं। कंगाली दास बाबा की चौथी पीढ़ी अब सेवादार के रूप में यहां पर है। फिलहाल सुखरामदास बाबा यहां के मुख्य सेवादार हैं। उनके बेटे धीरेन शाह को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है।
आंचल कुंड दरबार और महल के बीच चुनाव..
लगातार तीन बार कांग्रेस से विधायक रहे कमलेश प्रताप शाह हर्रई राजघराने के राजा हैं। लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थामा और विधायक पद से इस्तीफा दिया। इसी के चलते अमरवाड़ा में उपचुनाव हो रहे।
राजघराने को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर आदिवासियों की आस्था का केंद्र आंचल कुंड दादा धूनीवाले दरबार के छोटे महाराज को मैदान में उतारा। अब चुनावी लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच में नहीं बल्कि हर्रई राजमहल और आंचल कुंड दादा दरबार के नाम पर हो रही है।
बीजेपी व कांग्रेस के अपने-अपने मुद्दे..
एक तरफ जहां बीजेपी राजमहल की दुहाई देकर विकास को आगे बढ़ाने की बात कर रही है तो वहीं कांग्रेस पूर्व विधायक की दगाबाजी जनता के सामने लाकर आंचल कुंड दरबार के नाम पर वोट मांग रही है । कांग्रेस का कहना है कि जिस आंचल कुंड दरबार में बड़े राजनीतिक दिग्गज भी सिर झुकाते हैं, इस दरबार के छोटे महाराज अब लोगों के घर जाकर वोट मांग रहे हैं, जिसका फायदा कांग्रेस को जरूर मिलेगा। धूनी वाले दरबार से धार्मिक सेवा के बाद राजनीतिक सेवादार भी मैदान में आएंगे। सुनकर उड़ जायेंगे होश जिस मठ के पुजारी को कांग्रेस ने बनाया उम्मीदवार, बीजेपी का कुनबा माथा टेकने पहुंचा उनके द्वार पहुंचते हैं।
आंचल कुंड दादा दरबार के उत्तराधिकारी है धीरेन शाह ..
आंचल कुंड दादा दरबार की परंपरा है कि चार पीढ़ियां से एक ही परिवार वहां पर सेवादार के तौर पर काम कर रहा है। वर्तमान में बाबा सुखराम दास यहां के मुख्य सेवादार हैं। उनके बाद उत्तराधिकारी होंगे उनके बेटे धीरेन शाह, जिन्हें छोटे महाराज के नाम से भी पहचाना जाता है। छोटे महाराज धीरेन शाह इनवाती चुनावी मैदान में आने में आने से पहले सेवा सहकारी समिति में सेल्समैन के पद पर थे। उन्होंने टिकट मिलने के दिन ही नौकरी से इस्तीफा दिया था और फिर सीधे चुनावी मैदान में आ गए।