मध्य प्रदेश में मेडिकल परीक्षा पास करके मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए व्यापमं घोटाले का पर्दाफाश हुआ। राज्य के विभिन्न आरटीआई कार्यकर्ताओं में आशीष चतुर्वेदी का नाम भी शामिल था। आशीष ने गजराराजा मेडिकल कॉलेज में फर्जीवाड़ा कर प्रवेश पाने वालों का पर्दाफाश किया। अदालत और सीबीआई जांच के दौरान आशीष को गवाह के तौर पर पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई थी।
व्यापम घोटाले के व्हिसलब्लोअर और आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी के खिलाफ झांसी रोड थाने में सरकारी काम में बाधा डालने और धमकाने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह मामला एसएएफ जवान रामू सिंह कुशवाह, जो पहले उनकी सुरक्षा में तैनात था, और उसके साथी एएसआई सर्वेश शर्मा और कांस्टेबल योगेंद्र जाट की शिकायत पर दर्ज किया गया है। इन जवानों को पुलिस मुख्यालय के आदेश पर आशीष चतुर्वेदी की सुरक्षा में तैनात किया गया था।
आरोप है कि तैनाती के दौरान आशीष ने उन्हें परेशान किया था। सुरक्षाकर्मियों को उन पर पेट्रोल डालने से लेकर आग लगाने, नौकरी से निकालने और उनकी वर्दी उतरवाने तक की धमकियां दी गईं। इस अभद्र व्यवहार का ऑडियो और वीडियो पुलिस मुख्यालय में अफसरों तक भी पहुंच गया है। एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि शिकायत, ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर FIR दर्ज कर ली गई है, मामले की जांच जारी है।
आपको बता दें, कि एसएएफ कांस्टेबल रामू सिंह कुशवाह ने शिकायती पत्र में लिखा है कि पुलिस मुख्यालय के आदेश पर उन्हें दिवाली 2022 से होली 2023 तक आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी के पीएसओ के रूप में नियुक्त किया गया था। उनके साथ एएसआई सर्वेश शर्मा, कांस्टेबल नंदकिशोर बौहरे और योगेंद्र राजावत भी थे। पुलिस लाइन की ओर से उपलब्ध कराई गई दो बाइकें नाका चंद्रवदनी स्थित आशीष के घर के बाहर खड़ी थीं।
29 अक्टूबर को आशीष ने कहा कि उसे बाइक मिल जानी चाहिए। जैसे ही मैंने बाइक निकालने की कोशिश की तो मैंने देखा कि उसमें पेट्रोल कम था। इस पर वह बदसलूकी करने लगा। उसने मुझे गालियां दीं और मुझ पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की धमकी दी। उसने कहा कि वह मुझे नौकरी से निकाल देगा। अगले ही दिन उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की और कहा कि उन्हें यहां से हटाकर कहीं और पदस्थापित किया जाए।
जब आशीष को इस बारे में पता चला तो उसने उसे धमकी दी कि अगर उसने उसके निर्देशानुसार काम नहीं किया और ज्यादा शिकायत की तो वह उसे नौकरी से निकाल देगा। डर के कारण मैं आगे शिकायत करने का साहस नहीं जुटा सका।
आपको बता दें, कि पिछले 10 वर्षों में उनकी सुरक्षा के लिए 639 सुरक्षाकर्मियों को बदलना पड़ा है। 21 सुरक्षाकर्मियों ने उन पर दुर्व्यवहार और अपमानजनक व्यवहार के आरोप लगाए।