मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने साल 2025-26 के लिए प्रदेश का बजट पेश किया। अब इस बजट को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का बयान सामने आया है।
पटवारी का कहना है, कि यह बजट नहीं, मध्यप्रदेश को, कर्ज/भ्रष्टाचार में डुबोने का दस्तावेज़ है! भाजपा सरकार ने मध्य प्रदेश की जनता को फिर से एक छलावा भरा बजट दिया है। इस बजट में विकास की कोई ठोस योजना नहीं है, बल्कि इसे कर्ज बढ़ाने, कमीशनखोरी को संस्थागत करने और भ्रष्टाचार को मजबूत करने के लिए तैयार किया गया है। यह बजट भाजपा सरकार की असफलताओं और जनविरोधी नीतियों की पोल खोलता है।
कर्ज और कमीशन की सरकार, जनता पर बढ़ता बोझ
इस बजट के जरिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर से कर्ज की सीमा बढ़ा दी है। पहले से ही प्रदेश भारी कर्ज में डूबा हुआ है, लेकिन सरकार को सिर्फ भ्रष्टाचार और कमीशन की चिंता है। कर्ज का पैसा जनता की भलाई के बजाय भाजपा नेताओं और ठेकेदारों की जेब में जा रहा है।
3 लाख नौकरियों का झांसा, जबकि सरकारी विभागों में पद खाली
भाजपा सरकार ने 39 नए औद्योगिक क्षेत्रों में 3 लाख नौकरियों का वादा किया है, लेकिन सच्चाई यह है कि सरकारी विभागों में हजारों पद खाली पड़े हैं। हर साल लाखों युवा सरकारी नौकरियों की आस लगाए बैठते हैं, लेकिन सरकार की नीयत ही नहीं है कि वे भर्ती करें। यह वही झूठा वादा है जो हर बजट में किया जाता है, लेकिन कभी पूरा नहीं होता।
चिकित्सा शिक्षा पर झूठे दावे, स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत भयावह
सरकार कह रही है कि एमबीबीएस की 400 सीटें बढ़ाई जाएंगी और 11 नए आयुर्वेदिक कॉलेज खुलेंगे। लेकिन, सच्चाई यह है कि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पहले से ही पर्याप्त संसाधन और डॉक्टर नहीं हैं। व्यापमं घोटाले के कारण प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हुई है। आज भी सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए मरीजों को दर-दर भटकना पड़ता है, लेकिन सरकार सिर्फ खोखली घोषणाएं कर रही है।
लाड़ली बहनों के साथ धोखा, ₹3000 की जगह ₹1250 में अटकी सत्ता
चुनाव के दौरान भाजपा सरकार ने प्रदेश की लाडली बहनों से ₹3000 प्रतिमाह देने का वादा किया था। लेकिन सत्ता में आते ही भाजपा ने इसे ठुकरा दिया। न सिर्फ वादा तोड़ा गया, बल्कि इस योजना में शामिल 4 लाख से अधिक महिलाओं के नाम काट दिए गए। भाजपा सरकार का असली चेहरा अब जनता के सामने आ चुका है।
सड़क और इन्फ्रास्ट्रक्चर के नाम पर, खुली कमीशनखोरी का खेल
सरकार कह रही है कि अगले 5 वर्षों में 1 लाख किलोमीटर सड़कें बनाई जाएंगी और 500 रेलवे ओवर ब्रिज तथा फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि ग्रामीण इलाकों में सड़क के नाम पर केवल भ्रष्टाचार हो रहा है। कमीशन के लिए कागजों में सड़कें बन रही हैं और बनी हुई सड़कों को कागजों में ही मरम्मत कर दी जा रही है। भ्रष्टाचार के इस खेल ने प्रदेश को पीछे धकेल दिया है।
किसानों को फिर धोखा, कृषि लागत बढ़ी, लेकिन समर्थन मूल्य नहीं
इस बजट में किसानों के लिए कोई राहत नहीं है। आज प्रदेश में ₹3000 प्रति क्विंटल गेहूं, ₹3100 प्रति क्विंटल धान और ₹6000 प्रति क्विंटल सोयाबीन के दाम के बिना किसान अपने घर का चूल्हा नहीं जला सकते, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। फसल बीमा योजना, सीएम किसान कल्याण योजना जैसी घोषणाएं सिर्फ कागजों तक सीमित हैं। किसान लगातार कर्ज में डूब रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार को उनकी कोई चिंता नहीं है।
भाजपा के बजट की असली हकीकत: कर्ज लेकर प्रदेश को और कर्ज में डुबोना नौकरियों के नाम पर सिर्फ घोषणाएं, चिकित्सा शिक्षा के नाम पर दिखावटी दावे लाड़ली बहनों के साथ सबसे बड़ा धोखा, सड़क और इंफ्रास्ट्रक्चर में भ्रष्टाचार किसानों को पूरी तरह से निराश करना, "यह बजट जनता के लिए नहीं, बल्कि भाजपा के भ्रष्टाचार को बढ़ाने के लिए लाया गया है। यह कर्ज और कमीशन का बजट है, जिसमें आम जनता, किसान, युवा और महिलाएं पूरी तरह से ठगे गए हैं। कांग्रेस इस जनविरोधी सरकार के खिलाफ हर स्तर पर संघर्ष करेगी और जनता की आवाज बुलंद करेगी।" जीतू पटवारी ने राज्य में आज पेश होने वाले बजट पर कहा, "आज जब बजट पेश हो रहा है तो सरकार 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है, बजट बढ़ाकर घोषित करना चाह रही है ताकि कर्ज लेने की सीमा बढ़े। बजट के लाभार्थियों जैसे आदिवासी, दलित, किसान, छात्र आदि के लिए बजट में किए गए प्रावधान का केवल 20-30% ही खर्च होता है। वे केवल ऐसी योजनाएं बनाते हैं जिससे भ्रष्टाचार बढ़ता है... सरकार बस जनता को गुमराह करती है..."