भोपाल में 52 किलो सोना और करोड़ों रुपए नकद बरामद होने के मामले में हिरासत में लिए गए पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा ने कोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सौरभ ने दावा किया है कि जब्त किया गया सोना और नकदी उसकी संपत्ति नहीं है और इस पूरे मामले में वह महज एक मोहरा है।
सौरभ ने यह भी कहा कि उनके पास जब्त की गई अन्य संपत्ति और नकदी का पूरा ब्यौरा है। उन्होंने कहा कि उन्हें जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है और असली दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं सौरभ के वकील ने कोर्ट में दलील दी है कि उनके मुवक्किल का इस मामले से कोई सीधा संबंध नहीं है और वह सिर्फ एक मोहरा है। उन्होंने कहा कि सौरभ की जान को गंभीर खतरा है, क्योंकि जिन लोगों के नाम उजागर हुए हैं, वे उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सौरभ शर्मा के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस पूरे मामले में जिन प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आ सकते हैं, उनसे सौरभ को नुकसान हो सकता है। इसलिए उनके मुवक्किल की जान खतरे में रहती है।
लोकायुक्त ने इस तर्क को गंभीरता से लिया और कहा कि यदि सौरभ महज मोहरा है तो असली दोषियों तक पहुंचने के लिए उसका पुलिस रिमांड जरूरी है। लोकायुक्त के अनुसार इस मामले में कई महत्वपूर्ण कड़ियां शामिल हैं और बिना गहन जांच के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करना मुश्किल होगा।
सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुनाया कि सौरभ शर्मा को पुलिस रिमांड के दौरान पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी। साथ ही उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहले उनके भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की जांच की जाएगी।
लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि सौरभ से पूछताछ के जरिए इस नेटवर्क में शामिल अन्य आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। इस मामले में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं, जिससे जांच और गहराई से की जाएगी।
मंगलवार को लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा को हिरासत में लिया। लोकायुक्त महानिदेशक ने इसकी पुष्टि की। सौरभ पिछले 41 दिनों से फरार था और इस दौरान उसकी तलाश के लिए कई तलाशी अभियान चलाए गए। मंगलवार को उन्होंने अदालत में सरेंडर करने के लिए आवेदन दिया।