भोपाल: मालवांचल में पदस्थ एक प्रमोटी आईएफएस क्यों आग बबूला हो गए.? यह एक यक्ष प्रश्न बन गया है। उनके गुस्से को लेकर बिरादरी में काना-फूसी भी शुरू हो गई है। घटना गत सोमवार की है। एक जानकारी के मुताबिक एक गोंद व्यापारी अपनी बिटिया की शादी में डीएफओ साहब को आमंत्रित करने उनके कार्यालय पहुंचे। गोंद व्यापारी शादी कार्ड और मिठाई के डब्बे के साथ ऑफिस पहुंचे।
पहले व्यापारी महोदय ने अपना परिचय और कारोबार को लेकर चर्चा शुरू की। फिर डीएफओ शादी का कार्ड और मिठाई का डिब्बा दिया और उसके बाद उन्हें बंद लिफाफा देने की कोशिश की। व्यापारी की इस हरकत से डीएफओ साहब आग बबूला हो गए।
इतना ही नहीं, डीएफओ साहब ने गोंद कारोबारी की गर्दन दबोचते हुए उसे बाहर लेकर आ गए। चूंकि कार्यालय सड़क के पास है तो लोगों की हुजूम लग गया. भीड़ देखकर पहले ऑफिस के अंदर चले गए फिर बाहर आए तो संस्कृत में श्लोक बोलने लगे। डीएफओ को जानने वाले बताते है कि वे कट्टर ईमानदार है।
कुछ अफसरों का व्यंग्य है कि वे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह ही कट्टर ईमानदार हैं। वैसे उनकी पदस्थापन ऐसे वन मंडल में की गई है, जहां अच्छे-अच्छे ईमानदार अफसर सप्लायर्स माफिया के संग कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए विवश हो जाता है। अब सवाल यह है कि डीएफओ साहब सप्लायर्स नेक्सस को तोड़ पाते हैं कि नहीं।