संसद का शीतकालीन सत्र..संविधान पर चर्चा जारी, पीएम मोदी संसद में देंगे जवाब


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स्टोरी हाइलाइट्स

संविधान के 75 वर्ष का जश्न..दोनों सदनों का शीतकालीन सत्र जारी..!!

लोकसभा में 13 दिसंबर को संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में संविधान पर दो दिवसीय बहस की शुरूआत की। संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 13 दिसंबर को संविधान पर चर्चा शुरू हुई और लोकसभा अध्यक्ष ने इसके लिए 12 घंटे आवंटित किए हैं। संविधान पर बहस के साथ-साथ राजनीतिक टिप्पणियां भी जारी हैं। 

शुक्रवार को संविधान पर बहस में रक्षा मंत्री सिंह और वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सदन में जोशीले भाषण दिए।

सबसे पहले रक्षा मंत्री ने लोकसभा में संविधान पर बहस की शुरुआत की, जिसमें इसके ऐतिहासिक महत्व और देश के शासन और वैश्विक स्थिति को आकार देने में इसकी भूमिका पर विशेष ध्यान दिया गया। 13 दिसंबर को विपक्ष की ओर से प्रियंका वाड्रा ने बहस की शुरुआत की। लोकसभा में प्रियंका का यह पहला भाषण था।

संसद में संविधान पर बहस का शनिवार 14 दिसंबर को दूसरा दिन है। लोकसभा में विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और AIMIM सांसद असदुद्दीन औवेसी बोलेंगे। अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चर्चा का जवाब देंगे।

शुक्रवार को बहस की शुरुआत करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने व्यापक विचार-विमर्श से संविधान के जन्म पर विचार किया, भारत के सभ्यतागत मूल्यों के इसके प्रतिबिंब को रेखांकित किया और इसकी विरासत का राजनीतिकरण करने के हाल के प्रयासों को संबोधित किया।

रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी भारत के संविधान के निर्माण का श्रेय केवल एक खास राजनीतिक दल को दे रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के प्रयास कई व्यक्तियों के सामूहिक योगदान और भारत के सांस्कृतिक और सभ्यतागत मूल्यों में संविधान की गहरी जड़ों को नजरअंदाज करने का प्रयास है। 

राजनाथ सिंह ने कहा, "संविधान निर्माण के काम को हमेशा एक खास पार्टी द्वारा हाईजैक करने का प्रयास किया जाता रहा है...आज मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारा संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है। 

भारत का संविधान भारत के लोगों द्वारा भारत के मूल्यों के अनुरूप बनाया गया है...प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना के साथ काम कर रही है, हमारी सरकार भारत के संविधान में लिखे धर्म के अनुरूप काम कर रही है। 

हमारा संविधान प्रगतिशील, समावेशी और परिवर्तनकारी है...यह हमारा देश है जहां एक गरीब परिवार में जन्मा व्यक्ति भी देश का प्रधानमंत्री बन सकता है और वह देश का राष्ट्रपति भी बन सकता है।" 

वहीं, कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में अपने पहले संबोधन में सत्तारूढ़ सरकार पर हमला बोला और कहा कि पिछले 10 सालों में केंद्र सरकार ने 'कवच' को तोड़ने की सारी कोशिशें की हैं। 

प्रियंका गांधी ने कहा, "करोड़ों भारतीयों के संघर्ष में, कठिन से कठिन परिस्थितियों से लड़ने की उनकी ताकत में और देश से न्याय की उनकी उम्मीद में, हमारे संविधान की लौ जल रही है। हमारा संविधान 'सुरक्षा कवच' है। ऐसा 'सुरक्षा कवच' जो नागरिकों को सुरक्षित रखता है - यह न्याय का, एकता का, अभिव्यक्ति के अधिकार का 'कवच' है। यह दुखद है कि 10 सालों में, बड़े-बड़े दावे करने वाले सत्ता पक्ष के साथियों ने इस 'कवच' को तोड़ने की सारी कोशिशें की हैं। 

संविधान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा करता है। ये वादे एक सुरक्षा कवच हैं और इसे तोड़ने का काम शुरू हो गया है। लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए यह सरकार आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।" 

25 नवंबर को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ था, जिसमें व्यवधानों के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही काफी पहले ही स्थगित कर दी गई थी। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा।