मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार गौरवशाली अतीत से जन-जन को जोड़ने के लिए कार्य करेगी। यह कार्य धार्मिक पर्यटन विकास की संभावनाओं से जोड़कर किया जाएगा। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन का मध्यप्रदेश से प्रगाढ़ संबंध है। सांदीपनि आश्रम उज्जैन में शिक्षा ग्रहण करने और प्रदेश के विभिन्न स्थानों से उनके जुड़ाव के संदर्भ में श्रीकृष्ण पाथेय के विकास के लिए पहल की गई है।
सीएम डॉ. यादव ने टी.वी. चैनल प्रतिनिधियों से चर्चा में कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने राष्ट्र में पूर्व से पश्चिम दिशा तक यात्राएं कीं। मध्यप्रदेश की स्थिति मध्य में होने से उनका आवागमन होता रहा। ऐसे स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित कर धार्मिक पर्यटन के विकास का कार्य किया जाएगा, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को बदलने और नागरिकों की समृद्धि की दृष्टि से भी उपयोगी होगा।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि न सिर्फ श्रीकृष्ण भक्त बल्कि भगवान श्रीकृष्ण के प्रति जिज्ञासु व्यक्तियों और शोधार्थियों को भी आस्था के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के जीवन की विशिष्ट लीलाओं से परिचित करवाने का प्रयास किया जा रहा है। श्रीकृष्ण पाथेय के लिए अन्य राज्यों की सरकारों के साथ संयुक्त प्रयासों का अध्ययन भी किया जा रहा है।
भगवान श्रीकृष्ण के वनवासियों से प्रेम, सुदामा से मित्रता-धर्म के निर्वाह और गुरू-शिष्य परम्परा के प्रसंग महत्वपूर्ण हैं। पुरातत्वविद्, धर्माचार्य और लेखक वर्ग भी श्रीकृष्ण पाथेय के विकास के लिए रूचि प्रदर्शित कर रहा है। भगवान श्रीकृष्ण के गमन स्थलों को चिन्हित कर अभिलेखीकरण के कार्यों को गति दी जाएगी।