भोपाल,
मप्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में युवाओं के प्रशिक्षण के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ जल्द ही टाइअप किया जाएगा। साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए वोल्वो कंपनी के साथ मिलकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा।
बताया जाता है कि इन क्षेत्रों में प्रदेश के रोजगार चाहने वाले छात्रों को कौशल विकास केन्द्रों से 3 से 6 माह का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। प्रतिवर्ष 4 हजार प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। क्रिस्प संस्था प्रदेश के ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए ग्रामीण उद्यमी कार्यक्रम प्रारंभ करेगी। इसमें 22 हजार 800 पंचायतों में चार-चार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण मेसन, इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, ऑटो सर्विस, सोलर पंप टेक्नीशियन की क्षमता विकास करने पर केंद्रित होगा। प्रदेश में 91 हजार 200 ग्रामीण उद्यमी तैयार किए जाएंगे।
सैटेलाइट सेंटर को मंजूरी श्रम : विभाग के आई.टी.आई. को मुम्बई स्थित 'एल एण्ड टी' की स्किल ट्रेनर्स अकादमी के स्तर के अनुरूप विकसित करने पर सहमति दी गई। वहीं ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और बैतूल में सैटेलाइट सेंटर प्रारंभ करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई। प्रारंभिक रूप से दो जिलों में मॉडल केन्द्र के रूप में सैटेलाइट सेंटर विकसित किए जाएंगे।
युवाओं को इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना जरूरी- सीएम
बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस (क्रिस्प) की बैठक भी हुई। इसमें चौहान ने कहा है कि भविष्य की तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग और इलेक्ट्रिकल व्हीकल के क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं का कौशल उन्नयन आवश्यक है। साथ ही ग्रामीण स्तर पर जारी विकास और निर्माण कार्यों को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र में मेसन, प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, सोलर पप टेक्नीशियन आदि की आवश्यकता है। ग्रामीण युवाओं को इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना जरूरी है। सेंटर फॉर रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल स्टाफ परफॉर्मेंस (क्रिस्प) इस दिशा में गंभीरता से प्रयास करें
सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन आत्मा द्वारा कृषि आदान विक्रेताओं एवं युवाओं के लिये देसी कोर्स का चौथा बैच प्रारंभ किया जा रहा है। इस कोर्स के लिए ऐसे युवा जिनकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हाई स्कूल है, देसी कोर्स का वह कोर्स के उपरांत लाइसेंस के लिये पात्र हो जा जाएंगे और अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगे । ऐसे कृषि आदान विक्रेता जो कृषि एवं रसायन विज्ञान में स्नातक नहीं है, उनके लिये यह कोर्स अनिवार्य है जिससे उनको व्यवसाय के लिए चौथा बैच होगा लाइसेंस की पात्रता बनी रहे और व्यवसाय सुचारू रूप से कर सके। उप संचालक सह परियोजना संचालक ने बताया है। कि इच्छुक आवेदक निर्धारित शुल्क एवं आवेदन कार्यालय परियोजना संचालक आत्मा जिला भोपाल में कार्यालयीन समय में प्रस्तुत कर सकते हैं। प्रथम आओ प्रथम पाओ के आधार पर 40 प्रशिक्षणार्थियों का चयन कर बैच प्रारंभ कराया।