यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह को दिल्ली HC से झटका, ईशा फाउंडेशन के खिलाफ वीडियो बनाने, शेयर करने पर रोक


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स्टोरी हाइलाइट्स

जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की एकल जज पीठ ने 25 फरवरी को श्याम मीरा सिंह के ट्वीट और सोशल मीडिया पोस्ट्स को तुरंत हटाने का दिया आदेश..!!

दिल्ली HC ने बुधवार को गूगल, एक्स और यूट्यूब को आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा स्थापित ईशा फाउंडेशन पर यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह के विवादित ट्वीट और वीडियो को हटाने का निर्देश दिया।

श्याम मीरा सिंह ने 24 फरवरी को ‘सद्गुरु जग्गी वासुदेव के आश्रम में क्या हो रहा है?’ शीर्षक से विवादित ट्वीट और वीडियो पोस्ट किया था।

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने सिंह को अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो को आगे शेयर करने से भी रोक लगा दी है।

न्यायमूर्ति प्रसाद ने आदेश सुनाते हुए कहा, “प्रतिवादी संख्या 1 से 3 को वीडियो हटाने का निर्देश दिया जाता है और प्रतिवादी संख्या 4 को वीडियो को आगे प्रकाशित करने से रोका जाता है।”

वरिष्ठ अधिवक्ता माणिक डोगरा और अधिवक्ता ध्रुव पांडे द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में फाउंडेशन ने दावा किया था कि ट्वीट और वीडियो अपने आप में ईशा फाउंडेशन ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्ज़ी दाखिल कर यूट्यूबर श्याम मीरा सिंह द्वारा सद्गुरु जग्गी वासुदेव के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो को मानहानिकारक बताते हुए उन वीडियो और पोस्ट को हटाने का निर्देश देने की गुहार लगाई थी।

अर्जी मे कहा गया है कि श्याम मीरा सिंह के ट्वीट्स अश्लील और निंदनीय हैं। बिना तीस सबूत के इन मनमाने और मनगढंत आरोपों के जरिए उनकी दशकों से बनी प्रतिष्ठा और छवि को धूमिल करने की मानसिकता से ये कार्य किया गया है।

इससे फाउंडेशन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है, क्योंकि यूट्यूब चैनल पर 9.5 लाख व्यूज और 13.5 हजार कमेंट्स थे।

इसमें आगे कहा गया कि आरोप बिना किसी तथ्य या कानून के आधार पर लगाए गए थे और महाशिवरात्रि से दो दिन पहले जानबूझकर अपलोड किए गए थे, ताकि फाउंडेशन के मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय गृह मंत्री की मौजूदगी के मद्देनजर लोगों में रोष पैदा किया जा सके।

डोगरा ने कहा, "वह एक हिस्ट्रीशीटर है और उसने कुछ अन्य सार्वजनिक हस्तियों के खिलाफ भी ऐसा ही कुछ किया है।"

फाउंडेशन ने अपनी याचिका में 3 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगते हुए कहा कि सिंह का उद्देश्य एक गैर-मुद्दे को सनसनीखेज बनाना और अपने यूट्यूब चैनल पर अभूतपूर्व व्यूज प्राप्त करना था। दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 9 मई को होगी।