पाकिस्तान में ट्रेन हाईजैक के बाद BLA की चेतावनी, सैन्य ऑपरेशन हुआ तो बंधकों को मारेंगे


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स्टोरी हाइलाइट्स

बलूच लोग बलूचिस्तान के निवासी हैं, जो पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान में फैला हुआ है..!!

बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने जफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया है। BLA ने ट्रेन पर कब्जा करके सभी 400 यात्रियों को बंधक बना लिया। बलूच लोग बलूचिस्तान के निवासी हैं, जो पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान में फैला हुआ है।

ख़बर है, कि पाकिस्तान में पैसेंजर ट्रेन को हाईजैक कर बलूच लिबरेशन आर्मी ने 120 यात्रियों को बंधक बना लिया है। वहीं अंधाधुंध फायरिंग में 6 सैनिकों की मौत भी हो गई है। ट्रेन को रेलवे ट्रैक पर विस्फोटक लगाकर रोका गया। जिसमें ट्रेन का ड्राइवर भी घायल हो गया। ट्रेन हाईजैक के बाद क्वेटा के सिविल अस्पताल में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। बंधकों में ISI के कई अफसर भी शामिल हैं।

पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाली बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक बयान में कहा कि उसने एक ट्रेन पर कब्जा कर लिया है और उसमें सवार यात्रियों को बंधक बना लिया है। रेलवे अधिकारियों ने समाचार एजेंसी को बताया कि नौ डिब्बों में लगभग 500 यात्रियों को लेकर जा रही ज़फ़र एक्सप्रेस, पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी उस पर गोलीबारी हुई।

BLA ने अपने प्रवक्ता जिंद बलूच द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में कहा कि यदि पाकिस्तानी सेना ने कार्रवाई शुरू की तो बंधकों को मार दिया जाएगा। बीएलए लड़ाकों ने रेल पटरियां उड़ा दीं और ट्रेन को रुकने पर मजबूर कर दिया, जिसके बाद वे उस पर चढ़ गए। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि आखिर ये बलूच कौन हैं जो पाकिस्तानी सरकार और उसकी सेना के लिए परेशानी बन गए हैं। 

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बलूच एक जातीय समूह है जो बलूचिस्तान क्षेत्र का मूल निवासी है, जो पाकिस्तान, ईरान और अफगानिस्तान तक फैला हुआ है। बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, लेकिन यह सबसे कम आबादी वाले और सबसे गरीब प्रांतों में से एक है। बलूच लोगों की एक विशिष्ट भाषा (बलूची), संस्कृति और जनजातीय परंपराएं हैं। उनकी पहचान पंजाबी, सिंधी और पश्तून जैसे अन्य जातीय समूहों से अलग है।

प्राकृतिक संसाधनों (गैस, खनिज, आदि) से समृद्ध होने के बावजूद, बलूचिस्तान अविकसित है और स्थानीय लोगों को केंद्र सरकार द्वारा शोषण का सामना करना पड़ता है। कई बलूच लोग राजनीतिक हाशिए पर होने, स्वायत्तता की कमी और अनुचित व्यवहार का आरोप लगाते हैं।

जबरन गायब किये जाने, सैन्य कार्रवाई और मानवाधिकार उल्लंघन की रिपोर्टों ने असंतोष को जन्म दिया है। कई बलूच राष्ट्रवादी और अलगाववादी समूह, जैसे बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए), 2000 के दशक के प्रारंभ से ही पाकिस्तान से अधिक स्वायत्तता या यहां तक कि स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं।

मुख्य ब्लॉक समूह:

बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए),

बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ),

बलूच रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए),

इन समूहों को अक्सर पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी संगठन करार दिया जाता है, लेकिन वे स्वयं को स्वतंत्रता सेनानी मानते हैं।

बलूच समुदाय का संघर्ष जारी है, जिसमें बुनियादी ढांचे, सुरक्षा बलों और विदेशी परियोजनाओं (जैसे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा - सीपीईसी) पर हमले शामिल हैं। शांतिप्रिय बलूच कार्यकर्ता भी अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं, लेकिन उन्हें अक्सर दमन का सामना करना पड़ता है।