भोपाल: जंगल महकमे में प्राइम पोस्टिंग और प्रभार का खेल जारी है। लंबे समय से रिक्त वन वृत इंदौर में पीएन मिश्रा की पोस्टिंग की गई है। इसी आदेश के तहत देवास डीएफओ प्रदीप कुमार मिश्रा को इंदौर वन मंडल में स्थानांतरित किया गया। वन मंत्रालय ने 18 आईएफएस और 11 रावसे के अधिकारियों के तबादले आदेश जारी किए हैं।
तबादला सूची में आईएफएस हरिशंकर मिश्रा से रिटायरमेंट के 34 दिन पहले ही दक्षिण सिवनी वन मंडल का प्रभार छीन लिया गया, वहीं ढाई महीने से रिक्त कान्हा फील्ड डायरेक्ट जैसा महत्वपूर्ण पद रिक्त है, वहां प्रभार का खेल खेला जा रहा है। एसीएस के 'ब्लू आई' कहे जाने वाले पुनीत गोयल डिप्टी डायरेक्टर कान्हा के साथ-साथ फील्ड डायरेक्टर का भी प्रभार है। अर्थात एसीएस ने 2 महीने से फील्ड डायरेक्टेड कान्हा का पद रिक्त रखे हुए हैं। जबकि उस पद को भरने के लिए विभाग से प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा जा चुका है।
इसी प्रकार जबलपुर वर्किंग प्लान बनाने वाले रमेश चंद विश्वकर्मा फील्ड में पोस्टिंग करने के बजाय उन्हें मुख्यालय अटैच कर दिया है। विभाग में चर्चा है कि हरिशंकर मिश्रा और रमेश चंद्र विश्वकर्मा ने एसीएस वर्णवाल के 'अहं' को चोट पहुंचाई थी। इसी वजह से दोनों आईएफएस अफसर को मुख्यालय संलग्न किया गया है।
दरअसल 2 वर्ष पहले जब अशोक वर्णवाल वन विभाग के प्रमुख सचिव थे तब उनके द्वारा जारी वर्किंग ऑर्डर को लेकर दोनों ही अधिकारियों ने कैट में चुनौती दी थी। हालांकि चुनौती देने पर वर्णवाल ने हरिशंकर मिश्र को निलंबित तक कर दिया था। दोनों अफसर को मुख्यालय संलग्न वर्णवाल ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि उनसे कोई ना उलझे।
शुक्रवार को जारी आदेश में अंतिम नोटिफिकेशन नहीं होने की वजह से राज्य वन सेवा से प्रमोट हुए अफसरों को वन मंडलों में डीएफओ का प्रभार दिया गया है। इसमें विद्या भूषण सिंह को अति संवेदनशील वन मंडल बुरहानपुर का प्रभार दिया गया है। जबकि बुरहानपुर में वन भूमि पर अतिक्रमण माफिया का कब्जा है। वहां आए दिन अतिक्रमणकारियों से फॉरेस्ट अधिकारी एवं कर्मचारी पिटते रहते हैं। 2018 बैच के अमित कुमार चौहान को देवास जैसे महत्वपूर्ण वन मंडल में डीएफओ बनाया है।