अनुच्छेद 370 पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हुए हंगामे को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार विकास के मुद्दों पर काम करने के बजाय भारत को जोड़ने के बजाय विभाजन का सबूत दे रही है। मैं कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं से कहना चाहता हूं कि धारा 370 कभी बहाल नहीं होगी, भारत को बांटने की उनकी कोशिश सफल नहीं होगी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने भी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को चुनौती दी। उन्होंने कहा, ''जहां तक अनुच्छेद 370 की बहाली का सवाल है तो मुझे नहीं पता कि उमर अब्दुल्ला ने क्या बयान दिया है। लेकिन, अगर उनमें हिम्मत है तो मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वे झारखंड और महाराष्ट्र जाएं और किसी भी मंच से यह बात कहें। मैं कांग्रेस, एनसी और भारतीय गठबंधन के सभी नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या कांग्रेस-एनसी सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद आदिवासी समुदाय को दिए गए अधिकारों के खिलाफ खड़ी होगी?
क्या कांग्रेस-नेकां सरकार दलितों और पिछड़े समुदायों के अधिकारों के लिए खड़ी होगी? “कल का प्रस्ताव उग्रवाद और आतंकवाद के समर्थन में कांग्रेस और भारतीय गठबंधन नेताओं के रणनीतिक समर्थन को दर्शाता है।”
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने कहा, 'बुधवार को भारतीय जनता पार्टी द्वारा पारित प्रस्ताव के तहत, वे जम्मू-कश्मीर में भारत के संविधान के खिलाफ एक नया युद्ध छेड़ते दिख रहे हैं। मैं नेताओं से पूछना चाहती हूं भारतीय गठबंधन के, कांग्रेस और एनसी को संसद और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों का अपमान करने और उनकी अनदेखी करने का अधिकार किसने दिया, जो सभी को स्वीकार्य हैं?
स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि भारत का हर नागरिक जानता है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद नागरिकों की मौत में 80 फीसदी की कमी आई है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 70 फीसदी की कमी आई है। लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार विकास के मुद्दों पर काम करने की बजाय भारत को जोड़ने की बजाय बांटने वाली साबित हो रही है। मैं कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं से कहना चाहता हूं कि धारा 370 कभी बहाल नहीं होगी, भारत को बांटने की उनकी कोशिश सफल नहीं होगी।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में इंजीनियर रशीद के भाई और लंगोट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख द्वारा अनुच्छेद 370 पर बैनर दिखाने के बाद हंगामा हो गया। जिसके बाद उनके और बीजेपी नेताओं के बीच झड़प हो गई। इतना ही नहीं स्थिति अराजकता की स्थिति तक पहुंच गई थी। जिसके चलते मार्शलों को हस्तक्षेप करना पड़ा। जिस वक्त सदन में हंगामा शुरू हुआ उस वक्त मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खुद वहां मौजूद थे।