इस बार रामनवमी पर बन रहे 5 दुर्लभ योग…! जानिए महत्व और मुहूर्त


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स्टोरी हाइलाइट्स

चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन भगवान राम के जन्मोत्सव को देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है..!

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरू हो रही है. चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन भगवान राम के जन्मोत्सव को देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. 

भगवान राम के जन्मोत्सव के दौरान मंदिर में काफी भीड़ रहती है और विधि-विधान से भगवान राम की पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल रामनवमी बेहद खास होगी. रामनवमी के दिन कई तरह के दुर्लभ योग बन रहे हैं, जिससे इस साल रामनवमी का महत्व काफी बढ़ गया है. रामनवमी पर पूजा का मुहूर्त क्या है और शुभ योग के बारे में विस्तार से जानिए..!

राम नवमी पर शुभ योग 2023-

इस साल रामनवमी के दिन एक साथ 5 तरह के शुभ योग बन रहे हैं. इन पांच शुभ योगों में गुरु-पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और गुरु योग बन रहे हैं. 
रामनवमी के दिन बनने वाले इस शुभ योग में भगवान राम की पूजा करने से सभी प्रकार के कार्यों में सफलता की प्राप्ति होती है. पुष्य योग 30 मार्च को रामनवमी के दिन प्रात: 10:59 बजे से प्रारंभ होकर 31 मार्च 2023 को प्रातः 6:13 बजे समाप्त होगा. अमृत ​​सिद्धि योग 30 मार्च को सुबह से शुरू होगा. सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग 30 मार्च को पूर्ण होंगे.

राम नवमी शुभ मुहूर्त-

हिन्दू पंचांग के मुताबिक, इस वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 29 मार्च को रात 9 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर 30 मार्च को रात 11 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगी. भगवान राम के जन्मदिवस के अवसर पर उनकी पूजा का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 11 बजकर 17 मिनट से दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. 30 मार्च को अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा.

राम नवमी पर पूजा अनुष्ठान कैसे करें-

राम नवमी के दिन सुबह सबसे पहले उठकर पूजा का संकल्प लें और पूजा स्थान पर भगवान गणेश की स्तुति करें. पूजा की सारी सामग्री एकत्र कर लें. इस पूजा की सामग्री में तुलसी का पत्ता और कमल का फूल होना चाहिए. फिर विधि विधान से पूजा प्रारंभ करें. भगवान राम की पूजा में उनके भोग में खीर और फल का प्रसाद जरूर होना चाहिए. उसके बाद सभी लोग मिलकर भगवान राम, माता जानकी, लक्ष्मण और हनुमानजी की आरती करें.