Economic Survey 2024-25: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण (बजट आर्थिक सर्वेक्षण 2025) पेश कर दिया है। यह रोजगार, कृषि, उत्पादन और सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि सहित कई पहलुओं पर रोचक जानकारी प्रदान करता है। आइये इसे समझते हैं।
वास्तविक GDP ग्रोथ क्या होगी?
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में घरेलू और वैश्विक स्तर पर मौजूद चुनौतियों का उल्लेख किया गया है। कहा गया है कि विकास दर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। वित्त वर्ष 2025-26 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.3 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रोथ 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में अर्थव्यवस्था 8.4 प्रतिशत की तीव्र गति से बढ़ी।
रोजगार पर विशेष जोर दिया गया
आर्थिक सर्वेक्षण में सरकार ने विशेष रूप से रोजगार पर ध्यान केंद्रित किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण में कहा कि 2030 तक गैर-कृषि क्षेत्र में सालाना औसतन 7.85 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे। स्थानीय अर्थव्यवस्था का ध्यान मुख्यतः सेवा क्षेत्र पर रहेगा, लेकिन अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
89 लाख लोगों को मिला PM आवास
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAYE) के तहत 89 लाख से अधिक घर बनाए गए हैं। रियल एस्टेट में पारदर्शिता लाने और घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 लागू किया है। इससे लाखों लोगों की शिकायतों का समाधान हुआ है, जिससे आम लोगों का विश्वास बढ़ा है।
मुद्रास्फीति सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण में माना कि महंगाई सरकार और RBI के लिए बड़ी चुनौती है। मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए RBI ने लंबे समय से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसे भी अर्थव्यवस्था में मंदी का एक महत्वपूर्ण कारण बताया जा रहा है।
कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रही
कृषि क्षेत्र की विकास दर में सुधार हुआ है। इसका कारण अनुकूल मौसम और नई तकनीक के साथ-साथ सरकारी प्रयास भी थे। किसानों को पीएम-किसान, डिजिटल कृषि और सिंचाई सुधार जैसी सरकारी योजनाओं से लाभ मिला। ड्रोन, सटीक खेती और अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों के कारण पैदावार में भी वृद्धि हुई।
सेवा क्षेत्र में अधिक धन आया
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल से सितंबर तक 29.8 अरब डॉलर का एफडीआई आया। इसमें से सबसे अधिक 5.7 बिलियन डॉलर का एफडीआई सेवा क्षेत्र में आया। इससे पता चलता है कि विदेशी निवेशकों को सेवा क्षेत्र में अधिक संभावनाएं दिख रही हैं और वे इसमें अधिक धन लगा रहे हैं।
नवाचार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करें
आर्थिक सर्वेक्षण में नवाचार को बढ़ावा देने पर भी ध्यान देने का आह्वान किया गया। इस बात पर जोर दिया गया है कि इसके लिए सरकार को पहल करनी होगी। इसके लिए नीतिगत जटिलताओं को कम करना होगा। साथ ही, व्यवसायों को अपने मूल मिशन पर भी ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इससे नवाचार और प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ सकती है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए विदेशी देशों पर निर्भरता कम करना
सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रही है। लेकिन उनका उत्पादन काफी हद तक आयात पर निर्भर है। इसके कारण देश का व्यापार घाटा लगातार बढ़ रहा है। सरकार मेक इन इंडिया के जरिए स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना चाहती है। इससे दीर्घकाल में इलेक्ट्रिक वाहन व्यवसाय आत्मनिर्भर हो जाएगा।
राजमार्ग और जल जीवन मिशन पर जोर
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान 5,853 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है। साथ ही, जल जीवन मिशन के तहत 12 करोड़ से ज्यादा परिवारों को पाइप से पीने का पानी मिल चुका है।
वंदे भारत ट्रेन, रेल नेटवर्क विस्तार पर ध्यान
आर्थिक सर्वेक्षण में रेलवे क्षेत्र पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच 2031 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क चालू हो जाएगा। वहीं, अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच 17 नई वंदे भारत ट्रेनें शुरू की गईं।
सरकारी व्यय में 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार सरकार बुनियादी ढांचे में सुधार पर काफी जोर दे रही है। वित्त वर्ष 2020 से 2024 तक सरकारी व्यय (पूंजीगत व्यय) 38.8 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। हालांकि, वित्त वर्ष 2025 में लोकसभा चुनाव के कारण खर्च में थोड़ी कमी की गई। चुनावों के बाद जुलाई से नवंबर 2024 तक इसमें वृद्धि हुई है, जिससे बुनियादी ढांचे को समर्थन मिला है।