मप्र में दोनों बंधक बनाए गए हाथियों को एक साथ होम रेंज में तत्काल छोड़े


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स्टोरी हाइलाइट्स

वन्य जीवों पर कार्य करने वाली एलसा फाउंडेशन ने लिखा अपर मुख्य सचिव वन विभाग और मुख्य वन्यजीव संरक्षक को लिखे पत्र..!!

भोपाल: वन्य जीवों पर कार्य करने वाली एलसा फाउंडेशन ने लिखा अपर मुख्य सचिव वन विभाग और मुख्य वन्यजीव संरक्षक को लिखे पत्र छत्तीसगढ़ से आए दो नर हाथियों को तत्काल ही एक साथ होम रेंज में छोड़ने का आग्रह किया है। वन विभाग ने फरवरी और मार्च में शहडोल और अनूपपुर से पकड़ कर कान्हा टाइगर रिजर्व और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बंधक रखे गए हैं। 

एल्सा फाउंडेशन के संस्थापक प्रकाश ने पत्र में लिखा है कि उन्हें वन विभाग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से पता चला है कि दोनों हाथियों को अलग-अलग वन क्षेत्र (उसके गृह क्षेत्र से दूर) में छोड़ने की योजना बनाई गई है। 

वन विभाग की समिति ने लिखा है कि यदि पहले हाथी की रिहाई विफल हो जाती है, तो उस हाथी को फिर से पकड़ा कर कैद में रखा जाएगा। शासा ने लिखा है कि एक अपरिचित वन क्षेत्र में एकल हाथी को छोड़ने के दुखद परिणाम होते हैं’ ऐसे छोड़ना हाथी के लिए अत्यधिक क्रूर और दर्दनाक होता है। अफ्रीका में, स्थानांतरण हमेशा संबंधित और संबद्ध हाथियों के बड़े समूहों में किया जाता है। एकल हाथियों का स्थानांतरण कभी नहीं किया जाता।

एलसा की मांग का समर्थन..

वन्यजीव प्रेमी अजय दुबे ने एलसा फाउंडेशन की मांग का समर्थन किया है। दुबे ने बताया कि 2 मार्च 24 को उत्तर शहडोल वन मण्डल से एक नर हाथी (उम्र 10 वर्ष) को पकड़ के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के रामा हाथी कैंप में रखा गया है। दूसरे हाथी (उम्र 25 वर्ष) को 25 फरवरी 2024 को अनूपपुर वन मण्डल से पकड़ कर किसली हाथी कैंप कान्हा टाइगर रिजर्व में रखा गया है। 

इनको वापस छोड़े जाने को लेकर जबलपुर हाई कोर्ट में लंबित एक जनहित याचिका में मप्र वन विभाग ने बताया है कि वह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में रखे रखे हाथी को छोड़ देगा और दूसरे हाथी को जंजीरों से बाँधने के कारण चोटें आ गई है, उसे ठीक होते ही छोड़ देंगे। दुबे ने बताया कि उनकी जानकारी के अनुसार दूसरे हाथी की चोटें ठीक हो गई हैं।  

एलसा ने दिया सुझाव दिया..

एल्सा फाउंडेशन ने सुझाव दिया है कि जैसे ही दूसरे हाथी की चोटें ठीक होती है दोनों हाथियों को एक ही समय में, एक ही ऑपरेशन में, सर्वोच्च प्राथमिकता पर उनकी होम रेंज में छोड़ा जाये। दोनों हाथी पकड़े जाने से पहले एक साथ थे, इसलिए उनका बहुत करीबी संबंध है। उन्हें एक साथ छोड़ने से हाथियों का अस्तित्व और कल्याण सुनिश्चित होगा। एल्सा फाउंडेशन ने मांग की है कि जैसे ही दूसरे हाथी की चोटें ठीक होती हैं दोनों को बिना विलम्ब के तत्काल छोड़ देना चाहिए। 

दुबे ने लगाये वन विभाग पर गंभीर आरोप..

दुबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ से जो भी हाथी मध्य प्रदेश आता है, वन विभाग उसे टाइगर रिजर्व में उपयोग करने के लिए बंधक बना लेता है। दुबे ने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक है कि जिन दो हाथियों को फरवरी-मार्च में बंधक बनाया गया प्रत्येक से तीन-तीन जनहानि होने का दावा किया गया, जबकि दस्तावेज बताते है कि शहडोल और अनूपपुर में मिला के सिर्फ तीन जन हानि हुई थी।