बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में 28 जनवरी को माउंटेन मैन के नाम से मशहूर दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी कांग्रेस में शामिल हो गए। AICC मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने भागीरथ मांझी को पार्टी ज्वाइन कराई।
इसके जरिए कांग्रेस बिहार की महादलित जातियों, खासकर मांझी समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर सकती है। भागीरथ मांझी के साथ पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर और कुम्हार समाज के नेता मनोज प्रजापति भी कांग्रेस में शामिल हुए।
भागीरथ मांझी, अली अनवर और मनोज प्रजापति, तीनों नेता महादलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े समुदायों से हैं। इन नेताओं को पार्टी में शामिल कर कांग्रेस यह संदेश दे रही है कि वह इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर गंभीर है।
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भागीरथ मांझी जेडीयू में शामिल हो गए। अब उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इस साल 18 जनवरी को जब लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पटना पहुंचे तो उन्होंने भागीरथ मांझी को सम्मानित किया।
इसके बाद से ही उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि जेडीयू में कथित उपेक्षा के कारण वह दल बदल रहे हैं। भागीरथ मांझी पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के निर्वाचन क्षेत्र से आते हैं। जीतन राम मांझी के परिवार के सदस्य, जिनका गया जिले में अच्छा खासा प्रभाव है, जीतन राम मांझी के प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं। जीतन राम मांझी की तरह भागीरथ मांझी भी मुसहर जाति से हैं।
आपको बता दें कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव के जरिए बिहार में मतदाताओं पर अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है। अगले महीने फरवरी में कांग्रेस जय बापू, जय भीम, जय संविधान सम्मेलन का आयोजन भी करने जा रही है जिसकी शुरुआत चंपारण से हो सकती है।