महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। महाराष्ट्र में महायुती गठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है। इसी बीच शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत का बयान सामने आया है। राउत का कहना है, कि महाराष्ट्र का नतीजा जनता का जनादेश नहीं है। नतीजों में कुछ गड़बड़ है। हमें इस नतीजे पर विश्वास नहीं है। गौतम अडानी पर लगे आरोप से ध्यान हटाने के लिए ऐसा नतीजा निकाला गया है। लोकसभा में भी कई सीटें हमसे छीनी गई थीं। नतीजों में बेइमानी की गई है। यह कबूल नहीं है।
संजय राउत ने लाड़की बहन योजना को लेकर किए गए सवाल पर कहा कि 'यहां लाड़ले भाई हैं, लाड़ले नाना जी हैं, लाड़ले दादा जी हैं। सब कुछ लाडले हैं यहां। हमको मालूम है कि यहां क्या है, ये जो निर्णय आया है वो जनता का नहीं है।'
उन्होंने कहा कि शिंदे के सारे उम्मीदवार कैसे जीत रहे हैं। शिवसेना (UBT) सांसद राउत ने कहा कि 'लोकसभा के दो चुनाव 2014 और 2019 में मोदी और शाह ने यही किया था कि विपक्ष का नेता कांग्रेस को नहीं मिलना चाहिए, इस बार वही रणनीति इन्होंने महाराष्ट्र में अपनाई है कि विधानसभा में कोई विपक्ष का नेता नहीं रहेगा, ये हमेशा बीजेपी की रणनीति रही है।
इसे लेकर शिंदे गुट के सांसद नरेश म्हस्के ने कहा कि संजय राउत ऐसे नेता हैं जो गिरकर भी अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं। महाराष्ट्र में महायुति को मजबूत जनादेश मिलता दिख रहा है। रुझानों से राज्य में एकनाथ शिंदे सरकार की वापसी होती दिख रही है। महायुति को महाराष्ट्र में अभूतपूर्व सफलता मिली है।
अगर नतीजों का रुझान बदलता है तो बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को दो-तिहाई बहुमत यानी 192 से ज्यादा सीटें मिलती दिख सकती हैं।आपको बता दें कि ताजा रुझान में एमवीए का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। यहां एमवीए अभी भी 54 सीटों पर आगे चल रही है। जबकि शिवसेना (यूबीटी) सिर्फ 19 सीटों पर आगे नजर आ रही है।