अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री के भूमि विवाद में आया नया मोड़


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स्टोरी हाइलाइट्स

नौकरशाही और राजस्व अधिकारी अब वन भूमि को बता रहे हैं राजस्व भूमि..!

भोपाल। अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री मैहर द्वारा 27 हेक्टेयर वन भूमि से अधिक भूमि पर बलात्  कब्जा के मामले में नया मोड़ आ गया है। प्रदेश की नौकरशाही और मैहर के राजस्व अधिकारियों ने संयुक्त सीमांकन के दौरान 4 हेक्टेयर वन भूमि को राजस्व बताने में लगे हैं। जबकि गूगल इमेज से लेकर सरकारी दस्तावेज तक इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि अल्ट्राटेक सीमेंट द्वारा काबिज जमीन वन भूमि है। इस नए विवाद के चलते अल्ट्राटेक सीमेंट प्रबंधकों को राहत महसूस करने लगे हैं।

अल्ट्राटेक सीमेंट मैहर द्वारा 27 हेक्टेयर वन भूमि को बलात कब्जा किए जाने के खुलासे के बाद प्रदेश की नौकरशाही ने प्रबंधकों को राहत देने की मंत्र से संयुक्त सीमांकन के निर्देश दिए। जब विवादित भूमि का संयुक्त सीमांकन हुआ तो राजस्व अधिकारियों ने यह तथ्य स्वीकार किया कि 27 हेक्टेयर वन भूमि के कब्जे में 4 हेक्टेयर भूमि वन नहीं बल्कि राजस्व की है। यह बात अलग है कि  वन विभाग के अधिकारियों ने राजस्व भूमि मनाने से इंकार किया है और इस संदर्भ में गूगल इमेजरी से लेकर तमाम दस्तावेज कलेक्टर मैहर और राजस्व अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत की एक किंतु हुए मानने को तैयार नहीं है। 

यही वजह है कि अभी तक संयुक्त सीमांकन के प्रतिवेदन को अंतिम रूप नहीं दिया जा रहा है। वन विभाग के क्षेत्रीय अमले ने शासन को अलग से अपना प्रतिवेदन देने का निर्णय लिया है। मैहर कलेक्टर इस मामले को उलझाए रखने के लिए तैयार प्रतिवेदन पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं। सूत्रों का कहना है कि अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री के प्रबंधकों द्वारा वल्लभ भवन के नौकरशाही को अपने फेवर में करने के लिएहर जतन कर रहे हैं।

रीवा सीसीएफ के प्रतिवेदन के तथ्य

वन भूमि में अवैध निर्माण का खुलासा डीएफओ की सुनवाई के बाद सीसीएफ रीवा द्वारा वन मुख्यालय को भेजे गए जांच प्रतिवेदन में हुआ है। जांच प्रतिवेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि सुनवाई के दौरान फैक्ट्री प्रबंधकों ने वन भूमि पर अवैध निर्माण से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। प्रतिवेदन के अनुसार वर्ष 1977 में मैहर सीमेंट फैक्ट्री सरलानगर (तत्कालीन सेंचुरी टेक्सटाइल लिमिटेड) को फैक्ट्री निर्माण, लेवर कॉलोनी निर्माण, एवं कन्वेयर बेल्ट निर्माण हेतु 193.186 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई थी। इस सम्बन्ध में वर्ष 1993 में कलेक्टर, जिला सतना द्वारा वर्ष 1977 से 99 वर्ष की अवधि के लिए लीज डीड सम्पादित की गई थी। ( कलेक्टर सतना द्वारा वर्ष 1977 से 99 वर्ष की अवधि के लिए लीज डीड)। आवंटित भूमि में से 188.230 हेक्टेयर वन भूमि थी, तथा 4.956 हेक्टेयर राजस्व भूमि थी। वन भूमि वनखण्ड सगमनिया एवं वनखण्ड बम्हनी में स्थित है। 188.23 हेक्टेयर वन भूमि में सन्वेयर बेल्ट हेतु 5.855 फैक्ट्री साइट एवं लेबर कॉलोनी के निर्माण कार्य हेतु (188.23 हे० - 5.855) 182.375 वन भूमि आवंटित की गई थी।

2021 में भी निर्माण संबंधी दस्तावेज मांगे थे

रेंजर मैहर द्वारा नवम्बर 2021 में विवादित वन भूमि का निरीक्षण करने पर कक्ष क्रमांक पी-555 में बैंक कॉलोनी, हास्पिटल एवं बाजार के निर्माण नियमानुसार न होने पर तथा अवैध निर्माण का संदेह होने के कारण वन परिक्षेत्र मैहर का पत्र क्रमांक 1136 दिनांक 12 नवम्बर 21 द्वारा  निर्माण संबंधी दस्तावेजो मैहर सीमेंट फैक्ट्री संस्थान से मांग की गई। लेकिन संबंधित संस्थान द्वारा निर्माण के संबंध में कोई वैधानिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया। राज्य शासन के बीच कक्ष क्रमांक पी- 555 के कुल रकबा 193.186 हेक्टेयर के लिए हुआ है। जिस अनुबंध की प्रति वन मण्डल अधिकारी वन मण्डल सतना एवं मुख्य वन संरक्षक रीवा वृत्त रीवा को उपलब्ध कराई गयी है। संबंधित संस्थान को निर्माण से संबंधित अपना पक्ष रखने बावत् विभाग द्वारा समय दिया गया परन्तु संस्थान द्वारा वन भूमि पर हुए निर्माण से समन्धित कोई भी सुसंगत अभिलेख, वन एवं राजस्व के मूल मानचित्र, अथवा अन्य वैधानिक दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किये है।