प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार 18 जनवरी को दस राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 230 से अधिक जिलों के 50 हजार से अधिक गांवों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश के 15 लाख से अधिक लाभार्थियों को स्वामित्व कार्ड प्राप्त हुए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीहोर जिले के लाभार्थी मनोहर मेवाड़ा से बातचीत भी की।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, आज का दिन देश के गांवों के लिए, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही ऐतिहासिक रहा। 5 साल पहले स्वामित्व योजना शुरू की गई थी ताकि गांवों में रहने वालों का उनका कानूनी प्रमाण दिया जा सके। बीते 5 साल में लगभग डेढ़ करोड़ लोगों को ये स्वामित्व कार्ड दिए गए हैं। आज इस कार्यक्रम में 65 लाख से ज्यादा परिवारों को ये स्वामित्व कार्ड मिले।
पीएम मोदी ने आगे कहा,
21वीं सदी की दुनिया में क्लाइमेट चेंज, पानी की कमी, स्वास्थ्य का संकट, महामारी.. ऐसी कितनी भी चुनौतियां हैं, लेकिन विश्व के सामने एक और बड़ी चुनौती रही है और ये चुनौती है- प्रॉपर्टी राइट्स की। कई साल पहले संयुक्त राष्ट्र ने दुनिया के अनेक-अनेक देशों में भू-संपत्ति को लेकर एक स्टडी की थी। इस स्टडी में सामने आया कि दुनिया के अनेक देशों में लोगों के पास प्रॉपर्टी के पक्के कानूनी दस्तावेज हैं ही नहीं। संयुक्त राष्ट्र ने साफ कहा कि अगर गरीबी कम करनी है तो इसके लिए प्रॉपर्टी राइट्स होना बहुत जरूरी है।
पीएम ने आगे कहा,
पहले की सरकारों ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। इसलिए 2014 में जब हमारी सरकार बनी, तो हमने प्रॉपर्टी के कागज की इस चुनौती से निपटने को ठानी और हमने स्वामित्व योजना शुरू की। हमने तय किया कि ड्रोन की मदद से देश के गांव-गांव में घरों की... जमीनों की मैपिंग कराई जाएगी... गांव के लोगों को उनकी आवासीय संपत्ति के कागज दिए जाएंगे।
आज हमारी सरकार पूरी ईमानदारी से ग्राम स्वराज को जमीन पर उतारने का प्रयास कर रही है। स्वामित्व योजना से गांव के विकास की प्लानिंग और उस पर अमल अब काफी बेहतर हो रहा है। अब प्रॉपर्टी राइट्स मिलने से ग्राम पंचायतों की मुश्किलें भी दूर होंगी और वो भी आर्थिक रूप से सशक्त हो पाएंगी। इससे आपदा की स्थिति में उचित क्लेम मिलना भी आसान होगा।
स्वामित्व और भू-आधार... ये दो व्यवस्थाएं गांवों के विकास का आधार बनने वाली हैं। भू-आधार के जरिए जमीन को भी एक खास पहचान दी गई है। करीब 23 करोड़ भू-आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं। बीते 7-8 साल में ही करीब 98 प्रतिशत लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया गया है। महात्मा गांधी कहते थे- भारत गांवों में बसता है, भारत की आत्मा गांवों में हैं। पूज्य बापू के इस भाव को सही मायने में जमीन पर उतारने का काम बीते दशक में हुआ है।
पीएम स्वामित्व योजना के मध्य प्रदेश के हितग्राही मनोहर मेवाड़ा से भी संवाद किया।
स्वामित्व योजना गांवों में रहने वाले लोगों को भूमि स्वामित्व अधिकार प्रदान करती है। इससे उन्हें कानूनी भूमि दस्तावेज मिल जाते हैं। इस दस्तावेज़ को संपत्ति कार्ड कहा जाता है। आप इस कार्ड के माध्यम से बैंक से ऋण ले सकते हैं। साथ ही, जमीन को गिरवी रखकर बेचा भी जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि गांवों में भूमि स्वामित्व अधिकारों को लेकर विवाद होते रहते हैं। इस योजना से ऐसे विवादों में कमी आएगी। लोगों को भूमि के स्वामित्व का प्रमाण मिलेगा।