प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार 6 फरवरी को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जबाव दिया।
अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा- खरगे जी आपके सामने बढ़िया-बढ़िया शेर सुनाते रहते हैं। उनका शौक है शेर सुनाने का, एक शेर मैंने भी कहीं पढ़ा था सदन में पढ़ा शेर... तमाशा करने वालों को क्या खबर, हमने कितने तूफानों को पार कर, दीया जलाया है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा, कांग्रेस के मुंह से संविधान शब्द शोभा नहीं देता। सत्ता सुख के लिए, शाही परिवार के अहंकार के लिए देश के लाखों परिवारों को तबाह कर दिया गया था, देश को जेलखाना बना दिया गया था। बहुत लंबा संघर्ष चला। आखिर में अपने आप को बहुत बड़ा 'तीस मार खां' मानने वालों को जनता जनार्दन की ताकत स्वीकारनी पड़ी, घुटने टेकने पड़े और जनता जनार्दन के सामर्थ्य से देश से इमरजेंसी हटी।
बाबा साहेब को कभी भी भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया। इस देश के लोगों ने, सर्व-समाज ने बाबा साहेब की भावना का आदर किया। तब आज कांग्रेस को मजबूरन 'जय भीम' बोलना पड़ रहा है।
बाबा साहेब अंबेडकर से कांग्रेस को कितनी नफरत थी, उनके प्रति कांग्रेस में इतना गुस्सा था कि उनकी (बाबा साहेब) की हर बात से कांग्रेस चिढ़ जाती थी। इसके सारे दस्तावेज मौजूद हैं। इसी गुस्से के कारण दो-दो बार बाबा साहेब को चुनाव में पराजित करने के लिए क्या कुछ नहीं किया गया।
किशोर कुमार जी ने कांग्रेस के लिए गाना गाने से मना किया। इस एक गुनाह के लिए आकाशवाणी पर किशोर कुमार के सभी गानों को प्रतिबंधित कर दिया गया। आपातकाल में जॉर्ज फर्नांडिस समेत देश के अनेक महानुभावों को हथकड़ियां पहनाई गई थी, जंजीरों से बांधा गया था।
इस देश ने इमरजेंसी का दौर भी देखा है। संविधान को किस प्रकार कुचला गया, संविधान की स्पिरिट को सत्ता सुख के लिए किस प्रकार रौंदा गया था, ये देश जानता है। इमरजेंसी में प्रसिद्ध सिनेमा कलाकार देव आनंद जी से कहा गया कि वे सार्वजनिक रूप से इमरजेंसी का समर्थन करें। लेकिन देव आनंद जी ने इसके लिए इंकार कर दिया। इसलिए दूरदर्शन पर देव आनंद जी की सभी फिल्मों को प्रतिबंधित कर दिया गया।
संविधान निर्माताओं का आदर करना चाहिए था, उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए थी। लेकिन, कांग्रेस ने आजादी के तुरंत बाद ही संविधान निर्माताओं की भावनाओं की धज्जियां उड़ा दी थी। आजादी के बाद जब देश में चुनी हुई सरकार नहीं थी और चुनाव तक के लिए stop-gap arrangement था, तो उस stop-gap arrangement में जो महाशय बैठे थे, उन्होंने आते ही संविधान में संशोधन कर दिया। उन्होंने Freedom of Speech को कुचल दिया, अखबारों पर, प्रेस पर लगाम लगा दी। ये संविधान की भावना का पूरी तरह अनादर था।
बलराज साहनी जैसे प्रसिद्ध अभिनेता और कवियों को सिर्फ़ इसलिए जेल में डाल दिया गया क्योंकि उन्होंने कांग्रेस सरकारों के खिलाफ़ विरोध किया था।
लता मंगेशकर जी के भाई हृदयनाथ मंगेशकर जी ने वीर सावरकर पर एक कविता लिखी थी और उसे आकाशवाणी पर गाना चाहते थे। उन्हें आकाशवाणी से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया।
पीएम मोदी ने कहा, जब प्रगति की राह पर देश चल पड़ा है, विकास की नई ऊंचाइयों को देश अर्जित कर रहा है, तब हम सबकी भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण है। सरकारों में विरोध होना लोकतंत्र का स्वभाव है, नीतियों का विरोध होना लोकतंत्र की जिम्मेदारी भी है। लेकिन घोर विरोधवाद, घोर निराशावाद और अपनी लकीर लंबी किए बिना दूसरे की लकीर छोटी करने की कोशिशें विकसित भारत में रुकावट बन सकती है। हमें उससे मुक्त होना होगा, हमें आत्ममंथन करना होगा और निरंतर मंथन करना होगा।
कांग्रेस के पंजे से मुक्त होकर आज देश चैन की सांस ले रहा है और ऊंची उड़ान भी भर रहा है। कांग्रेस के लाइसेंस राज और उसकी कुनीतियों से बाहर निकलकर हम #MakeInIndia को बढ़ावा दे रहे हैं।
आज पूरी दुनिया भारत की आर्थिक क्षमता को पहचानने लगी है, आज दुनिया हमें तेज गति से आगे बढ़ने वाले देश के रूप में देख रही है और हर भारतीय को इस बात का गर्व है। हम अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार कर रहे हैं।
शाही परिवार के आर्थिक कुप्रबंधन और गलत नीतियों के कारण पूरे समाज को दोषी ठहराया गया और दुनिया भर में बदनाम किया गया।
कांग्रेस के एक पूर्व वित्त मंत्री ने माना था कि लाइसेंस परमिट के बिना कोई काम नहीं होता और उन्होंने ये भी कहा था कि लाइसेंस परमिट बिना रिश्वत के नहीं होता है। इस सदन में कांग्रेस के माननीय सदस्य मौजूद हैं, जिनके पिताजी के पास खुद के पैसे थे और वो कार खरीदना चाहते थे, लेकिन 15 साल तक उन्हें कार खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ा था, वो भी कांग्रेस के ही राज में।
जम्मू-कश्मीर की उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन 1994 में स्वीकृत हुई थी। तीन दशक बाद आखिरकार हमने 2025 में इसे पूरा किया।
गरीबों को शक्ति देने के लिए, उनके सशक्तिकरण के लिए जितना काम हमारे कार्यकाल में हुआ है, हमारी सरकार के द्वारा हुआ है, इतना पहले कभी नहीं हुआ। गरीबों का सशक्तिकरण और गरीब ही गरीबी को परास्त करे, इस दिशा में हमने योजनाओं को आकार दिया है। मुझे मेरे देश के गरीबों पर और उनके सामर्थ्य पर पूरा भरोसा है। अगर अवसर मिले तो वो हर चुनौती को पार कर सकता है। गरीब ने करके दिखाया है और योजनाओं का लाभ लेते हुए, अवसरों का फायदा उठाते हुए 25 करोड़ लोग गरीबी को परास्त करने में सफल हुए हैं।
2013 में 2 लाख रुपये तक की आय को आयकर से छूट दी गई थी। आज हमने 12 लाख रुपये तक की आय को छूट दे दी है। 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को हम आयुष्मान योजना के तहत लाभ प्रदान कर रहे हैं।
बहुआयामी गरीबी से बाहर आए लोगों ने बहुत मेहनत की है। हमारे देश में एक नव-मध्यम वर्ग उभरा है। मेरी सरकार इस नव-मध्यम वर्ग के साथ मजबूत प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है।
हम अपने संविधान निर्माताओं से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
जो लोग समान नागरिक संहिता पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि हम अपने संविधान निर्माताओं की राह पर ही चल रहे हैं।
कांग्रेस ने आजादी के तुरंत बाद हमारे संविधान निर्माताओं के काम और भावनाओं को नष्ट कर दिया था। आजादी के बाद एक अस्थायी व्यवस्था के तहत हमारे संविधान के मूल्यों का अपमान करते हुए संशोधन किए गए, वह भी एक ऐसी सरकार द्वारा जिसे देश के लोगों ने नहीं चुना था।
कांग्रेस की राजनीति का मंत्र हमेशा दूसरे की लकीर छोटी करना रहा...इसके कारण उन्होंने सरकारों को अस्थिर किया। किसी भी राजनीतिक दल की सरकार कहीं बनी तो उसे अस्थिर कर दिया। उन्होंने (कांग्रेस) जो ये रास्ता चुना है उसके चलते लोकसभा चुनाव के बाद उनके साथ जो थे, वे भी भाग रहे हैं।
भारत की विकास यात्रा में नारीशक्ति के योगदान को कोई नकार नहीं सकता। लेकिन अगर उनको अवसर मिले और वो नीति-निर्धारण का हिस्सा बनें तो देश की प्रगति में और गति आ सकती है। इस बात को ध्यान रखते हुए हमने इस नए सदन के पहले निर्णय के रूप में 'नारीशक्ति अधिनियम' पारित कराया।
पहली बार हमारी सरकार ने सबका साथ-सबका विकास के मंत्र की प्रेरणा से सामान्य वर्ग के गरीब को 10% आरक्षण दिया। वो भी बिना किसी तनाव के और किसी से छीने बिना दिया। जब हमने ये निर्णय किया तो SC-ST और OBC समुदाय ने भी इसका स्वागत किया।
आज जातिवाद का जहर फैलाने का प्रयास हो रहा है। लेकिन तीन दशक तक, दोनों सदनों में सभी दलों के OBC MPs सरकारों से मांग करते रहे थे कि OBC आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया जाए, लेकिन उनकी मांग को ठुकरा दिया गया। क्योंकि शायद उस समय उनकी (कांग्रेस) राजनीति को ये सूट नहीं करता होगा।
हमारी सरकार ने SC-ST एक्ट को मजबूत बनाकर दलित और आदिवासी समाज के सम्मान और सुरक्षा के संबंध में अपनी प्रतिबद्धता भी दिखाई और उसको बढ़ाया भी। हमने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए कानूनी अधिकार भी सुनिश्चित किए।
यह केवल यह दर्शाता है कि हम 'सबका साथ, सबका विकास' के आदर्श पर चलते हैं।
आदरणीय राष्ट्रपति जी ने भारत की उपलब्धियों के बारे में, दुनिया की भारत से अपेक्षाओं के बारे में और भारत के सामान्य मानवी का आत्मविश्वास, विकसित भारत का संकल्प जैसे सभी विषयों की विस्तार से चर्चा की थी। देश को आगे की दिशा भी उन्होंने दिखाई है। आदरणीय राष्ट्रपति जी का भाषण प्रेरक भी था, प्रभावी भी था और हम सब के लिए भविष्य का मार्गदर्शक भी था।