शाहबाज शरीफ के सलाहकार ने उगला जहर, बलूचिस्तान ट्रेन अपहरण के पीछे बताया भारत और तालिबान का हाथ


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स्टोरी हाइलाइट्स

बलूचिस्तान के एक जातीय सशस्त्र समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ट्रेन अपहरण की जिम्मेदारी ली है, बीएलए बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ रहा है, बीएलएन ने धमकी दी है कि यदि बलूच राजनीतिक कैदियों, कार्यकर्ताओं और सेना द्वारा अपहृत लोगों को 48 घंटे के भीतर रिहा नहीं किया गया तो वे ट्रेनों में बंधकों की हत्या शुरू कर देंगे..!!

मंगलवार 11 मार्च को बलूच स्वतंत्रता सेनानियों ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान मं  एक ट्रेन का अपहरण कर लिया। ट्रेन में 500 से अधिक यात्री सवार थे। जिनमें से बलूचिस्तानी नागरिकों, महिलाओं और बच्चों को रिहा कर दिया गया है तथा पाकिस्तानी सेना के जवानों, खुफिया एजेंसी के अधिकारियों और पाकिस्तानी सरकारी कर्मचारियों को बंधक बना लिया गया है। 

सुरक्षा बलों ने अब तक 16 विद्रोहियों को मार गिराने का दावा किया है, जबकि बलूच लोगों का दावा है कि उन्होंने 30 से अधिक पाकिस्तानी सेना के जवानों को मार गिराया है। हम इन दावों की पुष्टि नहीं कर सकते। बताया जा रहा है, कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ट्रेन के पटरी से उतरने की जिम्मेदारी ली है। बलूच का दावा है कि उन्होंने 214 यात्रियों को बंधक बना लिया है।

बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ रही बलूच लिबरेशन आर्मी ने हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने पाकिस्तानी सेना द्वारा अपहृत बलूच नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग करते हुए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। बलूच विद्रोहियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो बंधकों की हत्या शुरू हो जाएगी। बलूचों ने कहा है कि यदि पाकिस्तानी सेना ने कोई कार्रवाई की तो ट्रेन को उड़ा दिया जाएगा।

दूसरी ओर, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने ट्रेन अपहरण की घटना को लेकर भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। दशकों तक आतंकवादियों को पालने-पोसने, दर्जनों आतंकवादी संगठन बनाने और अपने ही लोगों में जिहादी जहर फैलाने वाला पाकिस्तान अब भारत पर हास्यास्पद आरोप लगा रहा है।

शाहबाज शरीफ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि 'ट्रेन अपहरण की घटना के पीछे भारत का हाथ है।' उन्होंने कहा, "भारत अफगानिस्तान के अंदर से उन्हें चला रहा है।" राणा सनाउल्लाह से एंकर ने पूछा, 'क्या अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) बलूचों की मदद करता है, क्या उनके एक-दूसरे से संबंध हैं?', इस सवाल का जवाब देते हुए राणा सनाउल्लाह ने कहा, “भारत ऐसा कर रहा है। इसमें कोई शक नहीं है। और इसके बाद उन्हें अफगानिस्तान में सुरक्षित पनाह मिल गई है।”

उन्होंने आगे कहा कि "वे अफ़गानिस्तान में बैठकर हर तरह की योजनाएँ बनाते हैं। अब इसमें कोई और राय नहीं है. इसमें कोई राजनीतिक मुद्दा या एजेंडा नहीं है।" राणा सनाउल्लाह ने आरोप लगाया कि “हां, भारत दोनों (टीटीपी और बीएलए) का समर्थन कर रहा है और उनके पास अफगानिस्तान जैसा सुरक्षित ठिकाना है। अफगानिस्तान में घात लगाने की सुविधाएं उपलब्ध होने के कारण उनके ऑपरेशन बढ़ गए हैं। तालिबान के सत्ता में आने से पहले उनके पास ये घात लगाने की सुविधाएं नहीं थीं। हमने सरकारी स्तर पर अफगानिस्तान से कहा है कि ये सब बंद करो, नहीं तो हम वहां आएंगे और इन घात लगाने वालों को निशाना बनाएंगे।”

यह वही पाकिस्तान है जिसने तालिबान के सत्ता में लौटने पर जश्न मनाया था। उस समय पाकिस्तान ने कहा था कि तालिबान के आने के बाद भारत के पैर अफगानिस्तान से हमेशा के लिए उखड़ गए हैं। और अब वही पाकिस्तान कह रहा है कि तालिबान के आने के बाद भारत को सुविधाएं दी जा रही हैं। झूठ बोलने और अपने लोगों को अंधेरे में रखने में पाकिस्तान का कोई सानी नहीं है। पाकिस्तान वर्षों से खैबर पख्तूनख्वा के युवाओं को जिहाद का जहर खिला रहा है। पाकिस्तान ने तालिबान को बनाया और अब वही पाकिस्तान तालिबान को भारत से जोड़ रहा है। 

पाकिस्तानी सरकार अभी भी कश्मीर और भारत में आतंकवादी हमले करने के लिए कई आतंकवादी संगठनों को पाल रही है, लेकिन जब उसका अपना पालतू सांप उसे डसता है, तो वह भारत के खिलाफ जहर उगलना जारी रखती है।