महाकुंभ-संगम तट पर भगदड़, 20 से ज्यादा लोगों की मौत, PM ने जताया दु:ख, राहुल गांधी बोले- बदइंतज़ामी के कारण हुआ हादसा


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स्टोरी हाइलाइट्स

प्रधानमंत्री मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है..!!

प्रयागराज में संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। इस दुर्घटना में अब तक 20 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। 50 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गये हैं। 14 शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए मेडिकल कॉलेज लाया गया। बाद में, मेला क्षेत्र से कई और शव एम्बुलेंस द्वारा हॉस्पिटल लाए गए।

इधर, प्रशासन ने दुर्घटना के 10 घंटे बाद भी मृतकों या घायलों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को केवल संगम में स्नान के बारे में ही नहीं सोचना चाहिए। गंगा हर जगह पवित्र है, उन्हें जहां भी हों, गंगा तट पर स्नान करना चाहिए।

दूसरी ओर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि भगदड़ वीआईपी संस्कृति और सरकारी कुप्रबंधन के कारण हुई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ को सेना के हवाले कर देना चाहिए। वहीं PM मोदी प्रयागराज में हुई भगदड़ पर नज़र बनाए हुए हैं पीएम मोदी अब तक मामले को लेकर सीएम योगी से चार बार बात कर चुके हैं।

अपने X हैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए पीएम मोदी ने लिखा है, कि 

प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है। इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से बातचीत की है और मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं।

आपको बता दें, कि महाकुंभ में भगदड़ का मामला मानवाधिकार आयोग में दर्ज किया गया है। महाकुंभ में भगदड़ की जांच करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील डॉ. गजेंद्र सिंह यादव ने मामला राज्य मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराया है।

वकील ने कहा- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए।

महाकुंभ को सबसे ज्यादा दुष्प्रभावित VIP कल्चर ने किया है, और यह अभी भी जारी है, जिसमें प्रतिदिन आमजन को रोककर VIP को रास्ता दिया जाता है, जिससे भीड़ एकजुट हो जाती है और भगदड़ की आशंका बन जाती है।

लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इसे लेकर दुख जताया है।

अपने X हैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए राहुल गांधी ने लिखा है, कि 

प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ के कारण कई लोगों के मौत और कईयों के घायल होने की ख़बर अत्यंत दुखद है। शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं। इस दुखद घटना के लिए कुप्रबंधन, बदइंतजामी और आम श्रद्धालुओं की जगह VIP मूवमेंट पर प्रशासन का विशेष ध्यान होना ज़िम्मेदार है। 

अभी महाकुंभ का काफी समय बचा हुआ है, कई और महास्नान होने हैं। आज जैसी दुखद घटना आगे न हो इसके लिए सरकार को व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। VIP कल्चर पर लगाम लगनी चाहिए और सरकार को आम श्रद्धालुओं के जरूरतों की पूर्ति के लिए बेहतर इंतजाम करने चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से अनुरोध करता हूं कि पीड़ित परिवारों की मदद करें।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, कि 

महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि! हमारी सरकार से अपील है कि: 

- गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए। 

- मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए। 

- ⁠जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं। 

- हैलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए। 

- सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए। 

श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे। हादसे में आहत हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना।

अखिलेश ने महाकुंभ की व्यवस्थाएं सेना को सौंपे जाने की भी बात कही है।

महाकुंभ में आए संत समाज और श्रद्धालुओं में व्यवस्था के प्रति पुनर्विश्वास जगाने के लिए ये आवश्यक है कि उप्र शासन-प्रशासन के स्थान पर महाकुंभ का प्रशासन और प्रबंधन तत्काल सेना को सौंप देना चाहिए। ‘विश्वस्तरीय व्यवस्था’ करने के प्रचार करते हुए दावों की सच्चाई अब जब सबके सामने आ गयी है, तो जो लोग इसका दावा और मिथ्या प्रचार कर रहे थे, उन्हें इस हादसे में हत हुए लोगों की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए अपना पद त्याग देना चाहिए।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे ने अपने X पर लिखा है, कि 

महाकुंभ के दौरान, तीर्थराज संगम के तट पर हुई भगदड़ से कई लोगों की जान गई है और अनेकों लोगों के घायल होने का समाचार बेहद हृदयविदारक है। श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएँ और घायलों की शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्य लाभ की हम कामना करते हैं। आधी अधूरी व्यवस्था, वीआईपी मूवमेंट, प्रबंधन से ज़्यादा स्व प्रचार पर ध्यान देना और बदइंतज़ामी इसके के लिए ज़िम्मेदार है। हज़ारों करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद ऐसी व्यवस्था होना निंदनीय है। 

अभी कई महत्वपूर्ण शाही स्नान बचे हैं, तो केंद्र और राज्य सरकारों को अब चेत जाना चाहिए, और व्यवस्था को सुधारना चाहिए ताकि आगे ऐसी अप्रिय घटनाएँ न हों। श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा व मूवमेंट आदि की व्यवस्था में विस्तार करना चाहिए और वीआईपी मूवमेंट पर लगाम लगानी चाहिए। यही हमारे साधु संत भी चाहते हैं। कांग्रेस के हमारे कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि पीड़ितों को हर संभव मदद करें।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी हादसे को लेकर दुख व्यक्त किया है

प्रयागराज की संगम स्थली पर, महाकुम्भ में हुई भगदड़ में, जिन भी श्रद्धालुओं ने अपनी जान गवाई है व घायल हुये है। यह घटना अति-दुःखद व चिन्तनीय। ऐसे समय में कुदरत पीडि़तों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे, पार्टी की यही कामना।

आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने कहा- मौनी अमावस्या का स्नान चल रहा है। आज मैं संगम घाट पर नहीं गया, क्योंकि वहां भीड़ बहुत ज्यादा है। पूरी गंगा और यमुना की धारा में 'अमृत' बह रहा है। अगर आप कहीं भी गंगा या यमुना में स्नान करेंगे तो 'अमृत' आपको प्राप्त होगा। ये आवश्यक नहीं है कि संगम में ही आपको डुबकी लगानी है।

आपको बता दें, कि अमृत स्नान के कारण अधिकांश पंटून पुल बंद कर दिए गए थे। इसके चलते संगम पर करोड़ों लोगों की भीड़ जुटने लगी। जिसके कारण कुछ लोग बैरिकेड में फंसकर नीचे गिर गए। यह देखकर भगदड़ की अफवाह फैल गई।

संगम नाके पर कोई अलग प्रवेश और निकास द्वार नहीं था। लोग उसी रास्ते से वापस जा रहे थे जिस रास्ते से आए थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो लोगों को भागने का मौका ही नहीं मिला। वे एक दूसरे पर गिरते रहे।

दुर्घटना के बाद 70 से अधिक एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंच गईं। इसके जरिए घायलों और मृतकों को अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर एनएसजी कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नाके क्षेत्र में आम जनता के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। भीड़ बढ़ने से रोकने के लिए श्रद्धालुओं को प्रयागराज से सटे जिलों में रोक दिया गया है। वहां प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है।

महाकुंभ में मौनी अमावस्या का अमृत स्नान है, जिसके चलते शहर में करीब 9 करोड़ श्रद्धालुओं के मौजूद रहने की उम्मीद है। प्रशासन के अनुसार, आज देर रात तक संगम सहित 44 घाटों पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र डुबकी लगाने की उम्मीद है।

इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को 5.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60,000 से अधिक सैनिक तैनात किए गए हैं।