MP News: मध्य प्रदेश की चीता संरक्षण परियोजना को आगे बढ़ाते हुए, एक मादा चीता और उसके चार शावकों को सोमवार (17 मार्च) को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में छोड़ा जाएगा। इससे पार्क में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार, 16 मार्च को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि चीतों की संख्या में वृद्धि से पर्यटकों को उन्हें उनके प्राकृतिक आवास में देखने का मौका मिलेगा और श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में आगंतुकों की संख्या में वृद्धि होगी।
सीएम मोहन यादव ने 'एक्स' पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है, कि "कूनो में चीतों की आबादी बढ़ेगी। कूनो राष्ट्रीय उद्यान के खजूरी पर्यटन क्षेत्र में दक्षिण अफ्रीका से आई मादा चीता 'गामिनी' को उसके दो नर और दो मादा शावकों के साथ खुले जंगल में छोड़ा जाएगा।"
उन्होंने कहा, “सफारी के दौरान पर्यटकों को चीतों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अवसर मिलेगा, जिससे निश्चित रूप से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।” मध्य प्रदेश सरकार वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
गामिनी और उसके चार शावकों को जंगल में छोड़े जाने के बाद, केएनपी में स्वतंत्र रूप से घूमने वाले चीतों की संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी, जबकि नौ चीता कैद में ही रहेंगे।अधिकारियों के अनुसार, गामिनी ने 10 मार्च 2024 को छह शावकों को जन्म दिया, लेकिन बाद में दो शावकों की मौत हो गई। इससे पहले 21 फरवरी को चीता 'ज्वाला' और उसके चार शावकों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के जंगल में छोड़ा गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़कर चीता पुनर्वास परियोजना का शुभारंभ किया था।